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तो अब रिटायर्ड कर्नल के सहारे जमीन तलाशेगी”आप” पार्टी

राजनीतिक हलकों में कर्नल के “आप” पार्टी में जुड़ने के बाद कोई ख़ास प्रतिक्रिया देखने को अभी तक नहीं मिली

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

देहरादून। प्रदेश में तीसरा विकल्प बनने की कोशिश में जुटी आम आदमी पार्टी (आप) ने कर्नल अजय कोठियाल को आप पार्टी में शामिल कर दिया। कर्नल अजय कोठियाल प्रदेश में जाना-पहचाना नाम तो है लेकिन केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों में कई मामलों को लेकर वे विवादित भी रहे हैं जिसका उल्लेख CAG की रिपोर्ट में भी किया गया था। हालांकि उससे पहले नेहरू पर्वतारोहण संस्थान यानि ”निम” के मुखिया रहते हुए उन्होंने काफी नाम भी कमाया था।

केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य और यूथ फाउंडेशन के जरिए पहचान बनाने वाले कर्नल (रिटायर्ड) अजय कोठियाल अब सियासी मैदान में उतर गए हैं लेकिन अब यह देखना होगा कि उत्तराखंड में सियासी जमीन तलाश रही आम आदमी पार्टी की जमीन को रिटायर्ड कर्नल अजय कोठियाल कितना उर्बरा बना सकते हैं। हालांकि राजनीतिक हलकों में उनके आप पार्टी में जुड़ने के बाद कोई ख़ास प्रतिक्रिया देखने को अभी तक नहीं मिली है। ऐसे में यह भी लगने लगा है कि आम आदमी पार्टी अब भाजपा के किसी नेता पर डोरे डालकर उसे उत्तराखंड में पार्टी का चेहरा बना सकती है वह तब जब भाजपा के एक कबीना मंत्री आप की शरण में जाने से साफ़ मना कर चुके हैं लेकिन राजनीतिक हलकों में उनके इस बयान के कई निहितार्थ निकाल रहे हैं कि त्रिवेंद्र रावत से इस्तीफा लेने के बाद भी उन्हें न तो मुख्यमंत्री की ही कुर्सी मिली और न उनका रूतबा ही बढ़ पाया जिसके लिए वे बीते चार साल से दिन रात एक किए हुए थे।

जहां तक बात उत्तराखंड में वर्ष 2013 में आई केदारनाथ आपदा के बाद रिटायर्ड कर्नल कोठियाल को उनके कुछ सिपहसालार भले ही चर्चाओं में रखते रहे हों लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत पर CAG रिपोर्ट पर जांच का भारी दबाव था जिसमें केदारनाथ में निर्माण कार्य कर रही कई कंपनियों की केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने खूब पोस्टमार्टम किया था और उनकी रिपोर्ट उस दौरान सुर्खियों में रही थी। हालाँकि आप पार्टी के मंसूबों पर सेना से जुड़े होने और ईमानदार छवि के साथ ही सैन्य बाहुल्य प्रदेश में उनके चेहरे पर आप पार्टी को कितना फायदा होगा यह कहना अभी जल्दबाज़ी ही होगी।

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