UTTARAKHAND

नहीं रहे मोहन लाल बाँठियाल , बीजेपी कार्यकर्ताओं में शोक की लहर

प्रखंड दुगड्डा के अंतर्गत ग्राम ऐता निवासी वरिष्ठ भाजपाई व संघ से जुड़े नेता मोहनलाल बौंठियाल का शुक्रवार शाम हृदय गति रुकने से निधन हो गया। वे 79 वर्ष के थे। मोहनलाल बौंठियाल ने विद्या भारती में रहकर सरस्वती शिशु मंदिरों की स्थापना में भी अहम योगदान दिया। साथ ही रामजन्म भूमि आंदोलन व उत्तराखंड राज्य आंदोलन में भी उनकी सक्रिय भूमिका रही। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी उनकी फोन पर वार्ता होती रहती थी।
बताते चलें कि मोहनलाल बौंठियाल 1958 में बाल स्वयंसेवक के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे। दो वर्ष बाद उन्होंने जनसंघ में प्रवेश किया। 1980 में वो भाजपा में शामिल हुए और तबसे उन्होंने लगातार भाजपा कार्यकत्र्ता के रूप में पार्टी की सेवा करते रहे। उत्तर प्रदेश शासनकाल में पार्टी ने उन्हें पर्वतीय विकास परिषद का सदस्य बनाया, जबकि उत्तराखंड राज्य गठन के बाद उन्होंने वन विकास निगम का अध्यक्ष और जलागम प्रबंध अनुश्रवण विकास परिषद का अध्यक्ष बनाया।
पार्टी में रहते हुए उन्होंने उत्तर प्रदेश शासनकाल में जिलाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश कार्यसमिति सदस्य का दायित्व निभाया। जबकि, उत्तराखंड बनने के बाद वे भाजपा पंचायत प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रभारी, अनुशासन समिति के अध्यक्ष, गढ़वाल लोकसभा प्रभारी के साथ ही राष्ट्रीय परिषद के सदस्य भी रहे।
शुक्रवार शाम करीब साढ़े छह बजे मोहनलाल बौंठियाल को सीने में तेज दर्द की शिकायत हुई। उनके पुत्र सुदीप बौंठियाल उन्हें चिकित्सालय लेकर जाने लगे। इसी दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। मोहनलाल बौंठियाल कुछ समय पहले बीमार हुए थे और देहरादून के एक चिकित्सालय में उनका उपचार हुआ था।

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