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कोविड महामारी पर रोक लगाने के लिए रोज़ाना 1 करोड़ टीकाकरण है ज़रूरी

बॉबी रमाकांत – सीएनएस
हमारी स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा एक दूसरे की स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा पर निर्भर है, यह बड़ी महत्वपूर्ण सीख कोविड महामारी ने दी है। पर जिस तरह से कोविड टीकाकरण दुनिया में हो रहा है उसे देख कर यह नहीं लगता है कि हम लोगों ने यह सीख अभी पूरी गम्भीरता से ग्रहण करी है। एक ओर अमीर देश हैं जहां 80% से अधिक आबादी का पूरा टीकाकरण हो चुका है और दूसरी ओर हैं ग़रीब देश जहां अभी टीकाकरण है ही नहीं या बहुत ही कम। दुनिया की कुल आबादी है 7.8 करोड़ और लगभग 6 करोड़ टीके अभी तक लग चुके हैं – पर इनमें से 80% तो अमीर देश में लगे हैं। विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि दुनिया में ‘हर्ड इम्यूनिटी’ या सामुदायिक प्रतिरोधकता तब ही उत्पन्न होगी जब कम-से-कम 70% वैश्विक आबादी को पूरा टीका, एक निश्चित समय सीमा में लग जाएगा (9-10 महीने)। सिर्फ़ अमीर लोगों या अमीर देश में पूरा टीकाकरण कर देने से और उन्हें तीसरी बूस्टर डोज़ देने से कोविड महामारी नहीं ख़त्म होगी। समस्त वैश्विक आबादी का समयबद्ध तरीक़े से पूरा टीकाकरण होगा तब ही महामारी पर अंकुश लगने की उम्मीद है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सभी देशों से अपील की है कि सितंबर 2021 तक हर देश अपनी आबादी के कम-से-कम 10% का पूरा टीकाकरण करे, दिसम्बर 2021 तक कम-से-कम 40% आबादी का टीकाकरण करे, और जून 2022 तक अपनी आबादी का कम-से-कम 70% टीकाकरण करे। 90% अमीर देश ऐसे हैं जिन्होंने महीनों पहले सितम्बर अंत का लक्ष्य पूरा कर लिया, 70% ऐसे अमीर देश हैं जिन्होंने दिसम्बर अंत तक का लक्ष्य भी पूरा कर लिया है। पर एक भी ऐसा ग़रीब देश नहीं है जिसने कोई भी लक्ष्य अभी तक पूरा किया हो!




