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बिना सैंपल दिए ही आया RT-PCR टेस्ट होने का मैसेज : जांच शुरू

देवभूमि मीडिया ब्यूरो ।

हरिद्वार निवासी, जिसने अपना नमूना नहीं दिया था, उसे एक पाठ संदेश प्राप्त हुआ जिसमें कहा गया था कि उसका आरटी-पीसीआर परीक्षण किया गया था। उन्होंने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) में शिकायत दर्ज कराई।

सरकार ने महाकुंभ के दौरान परीक्षण के लिए नौ निजी प्रयोगशालाओं को काम पर रखा था। सौदा 354 रुपये प्रति परीक्षण था। अब तक हरिद्वार जिले में 15.29 लाख से अधिक परीक्षण किए जा चुके हैं। इनमें से ज्यादातर महाकुंभ के दौरान हुए थे।

इस साल की शुरुआत में महाकुंभ के दौरान कोविड -19 परीक्षण डेटा में विसंगतियां पाए जाने के बाद उत्तराखंड सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि एक निजी लैब द्वारा किए गए रैपिड एंटीजन परीक्षणों के कम से कम एक लाख नमूने जाली हो सकते थे।

प्रारंभिक जांच में नमूनों के संग्रह और सरकार को बिल भेजने के संबंध में विसंगतियों के आंकड़े सामने आए। जांच में शामिल एक अधिकारी ने कहा कि लैब ने फर्जी प्रविष्टियां की थीं। इसकी सूचना शासन के उच्चाधिकारियों को दे दी गई है। हरिद्वार निवासी, जिसने अपना नमूना नहीं दिया था, उसे एक पाठ संदेश प्राप्त हुआ जिसमें कहा गया था कि उसका आरटी-पीसीआर परीक्षण किया गया था। उन्होंने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) में शिकायत दर्ज कराई। आईसीएमआर ने सरकार को सूचित किया। इस तरह यह खुलासा हुआ।

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