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Wind energy में चीन ने तोड़े रिकॉर्ड, भारत दूसरे स्थान पर
एशिया पैसिफिक रीजन में साल 2020 में कुल 55,564 मेगा वाट की विंड एनर्जी कैपसिटी हुई स्थापित
दूसरे स्थान पर होने के बावजूद, भारत का आंकड़े साल 2004 के बाद से अब तक का सबसे कम
एशिया प्रशांत क्षेत्र विश्व स्तर पर सबसे अधिक पवन ऊर्जा क्षमता वाला क्षेत्र : फेंग ज़्हाओ
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
2020 में एशिया प्रशांत में नई पवन ऊर्जा क्षमता वले देश
1. चीन – 52,000 मेगावाट
2. भारत – 1,119 मेगावाट
3. ऑस्ट्रेलिया – 1,097 मेगावाट
4. जापान – 449 मेगावाट
5. कजाकिस्तान – 300 मेगावाट
6. दक्षिण कोरिया – 160 मेगावाट
7. वियतनाम – 125 मेगावाट
8. न्यूजीलैंड – 103 मेगावाट
9. श्रीलंका – 88 मेगावाट
10. ताइवान – 74 मेगावाट
11. पाकिस्तान – 48 मेगावाट
पिछले साल की मंदी के बावजूद, नए विंड एनर्जी संयंत्र लगाने के मामले में भारत, एशिया पैसिफिक रीजन में, दूसरे स्थान पर रहा। आज जारी आंकड़े बताते हैं कि एशिया पैसिफिक रीजन में साल 2020 में कुल 55,564 मेगा वाट की विंड एनर्जी कैपसिटी स्थापित हुई और इसमें सबसे ज़्यादा 52,000 मेगावाट के साथ चीन नम्बर एक पर रहा। जहाँ1,119 मेगावाट के साथ भारत दूसरे स्थान पर रहा वहीँ ऑस्ट्रेलिया 1,097 मेगावाट के साथ तीसरे स्थान पर रहा।
चीन के आंकड़े हैरान करने वाले हैं क्योंकि वहां मंदी का कोई असर नहीं दिखा। लेकिन दूसरे स्थान पर होने के बावजूद, भारत का आंकड़े साल 2004 के बाद से अब तक का सबसे कम रहा।
Global Wind Energy Council (GWEC) मार्केट इंटेलिजेंस द्वारा आज जारी आंकड़ों के अनुसार साल 2020 में एशिया प्रशांत क्षेत्र में नयी पवन ऊर्जा स्थापना के लिहाज़ से चीन का दबदबा रहा। चीन ने, प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, 2020 में नई पवन ऊर्जा क्षमता के 52 गीगावॉट स्थापित किए – जो कि 2019 के आंकड़े का दुगना है और इतिहास में किसी भी देश द्वारा एक वर्ष में स्थापित क्षमता से ज़्यादा।
चीन, ऑस्ट्रेलिया (1,097 मेगावाट), जापान (449 मेगावाट), कजाकिस्तान (300 मेगावाट) और श्रीलंका (88 मेगावाट) के अलावा, सबके लिए 2020 पवन ऊर्जा के लिए में रिकॉर्ड वर्ष था। हालांकि भारत (1,119 मेगावाट) 2020 में इस क्षेत्र में नई पवन ऊर्जा क्षमता के मामले में दूसरे स्थान पर है। ध्यान रहे कि 2004 के बाद से देश के लिए नए पवन प्रतिष्ठानों के लिए यह सबसे कम उत्पादन क्षमता स्थापना का वर्ष था।
साल 2020 में 56 GW की नई पवन ऊर्जा क्षमता स्थापित कर एशिया पैसिफिक रीजन ने, न सिर्फ साल दर साल आधार पर 78 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, बल्कि साल 2019 की कुल वैश्विक स्थापना की बराबरी भी कर ली। इसका मतलब ये हुआ कि अब इस रीजन में कुल पवन ऊर्जा उत्पादन क्षमता लगभग 347 गीगावॉट हो गई है, जो सालाना 510 मिलियन टन के CO2 उत्सर्जन से बचने में मदद करती है। दूसरे शब्दों में कहें तो ये इतनी सड़क से 110 मिलियन यात्री कारों को हटाने के बराबर है।
संचयी क्षमता के लिए एशिया पैसिफिक में शीर्ष 5 पवन बाज़ार
1. चीन – 288,320 मेगावाट
2. भारत – 38,625 मेगावाट
3. ऑस्ट्रेलिया – 7,296 मेगावाट
4. जापान – 4,336 मेगावाट
5. दक्षिण कोरिया – 1,648 मेगावाट