जीरो टाॅलरेंस ऑन करप्शन एंड क्राइम सरकार की प्राथमिकता: मुख्यमंत्री
अधिकारियों का जनप्रतिनिधियों के साथ लगातार रहे संवाद
जनता की सरकार जनता के द्वार की परिकल्पना हो साकार
मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने वीडियो कांफ्रेंसिग द्वारा जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा की
जनहित की मांग को लेकर प्रदर्शन करना लोगों को लोकतांत्रिक अधिकार लेकिन कानून न तोड़ने वाले आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमे होंगे वापस : तीरथ सिंह रावत
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून: Chief Minister Tirath Singh Rawat has assured to fulfill the demands of the agitators and people of the area for the last three months demanding a widening of the 19 km road from Nandprayag to Ghat. Not only this, but he has also agreed to withdraw the cases filed against the agitators who were protesting for this road in Bharadisain of Gairsain.
नंदप्रयाग से घाट तक की 19 किलोमीटर सड़क के चौड़ीकरण की मांग को लेकर बीते तीन माह से आंदोलन कर रहे आंदोलनकारियों और इलाके की जनता की मांग पूरी किए जाने का मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आश्वासन दिया है। इतना ही नहीं उन्होंने बीते दिनों गैरसैंण के भराड़ीसैण में इस सड़क के लिए प्रदर्शन करने वाले आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमों को भी वापस लेने पर सहमति दे दी है।
सचिवालय में मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी जनहित की मांग को लेकर प्रदर्शन करना लोगों को लोकतांत्रिक अधिकार है। कानून न तोड़ने वाले आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमे वापस होंगे। लोगों के इस अधिकार को समझते हुए ही सरकार ने कोविड काल में दर्ज मुकदमों को वापस करने का फैसला किया है।
वहीं उन्होंने चमोली जिले में नंदप्रयाग-घाट सड़क चौड़ीकरण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने लाठियां भांजी और उनपर मुकदमें भी दर्ज किए हालांकि इस मामले की अभी मजिट्रेट जांच चल रही है लेकिन माना जा रहा है मुख्यमंत्री के इस फैसले से उनके घावों पर जरूर मरहम लगेगा। पर्वतीय इलाकों में इस तरह से लाठी चार्ज की घटना से लोगों में उबाल था जिस पर लोगों का कहना है कि पर्वतीय क्षेत्रों में कभी भी इस तरह लाठी चार्ज की बात सामने नहीं आई कि लोगों को कभी पुलिस की लाठियों का सामना करना पड़ा हो।
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इससे पहले मुख्यमंत्री, सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिग द्वारा जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों से दो-टूक कहा कि जीरो टोलरेंस ऑन करप्शन एंड क्राइम सरकार की प्राथमिकता है। अधिकारियों का जनप्रतिनिधियों के साथ लगातार संवाद रहना चाहिए। जनता से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता दी जाए। जिनसे लोगों को सीधा लाभ मिले। मुख्यमंत्री ने बहुद्देशीय शिविरों का आयोजन करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इनका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए ताकि लोगों को वास्तव में लाभ मिले और उनकी समस्याएं दूर हों। जनता की सरकार जनता के द्वार की परिकल्पना साकार होनी चाहिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी गर्मियों के सीज़न को देखते हुए यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि लोगों को पेयजल की दिक्कत न हो। ज़रूरी होने पर वैकल्पिक व्यवस्थाएं भी कर ली जाएं। सङकों की गुणवत्ता सुनिश्चित हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा हमारे लिए टाप प्रायोरिटी पर है। यह सुनिश्चित किया जाए कि अगले 6 माह में सभी स्कूलों में पेयजल, शौचालय, फर्नीचर, बिजली आदि सभी सुविधाएं हों। इसके लिए बजट की कोई कमी नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-गवर्नेस का प्रभावी क्रियान्वयन हो। लोगों को वास्तव मे इसका लाभ मिले। छोटी-छोटी सेवाओं के लिए जनता परेशान न हो। जिलों में महत्वपूर्ण घटनाएं होने पर सरकार और शासन को जरूर अवगत कराएं।
आने वाले समय में वनाग्नि को रोकने का कुशल प्रबंधन हो। इसके लिए अभी से तैयारी कर ली जाए। फोरेस्ट क्लीयरेंस के मामलों की लगातार मानिटरिंग की जाए। आगामी चार धाम यात्रा और पर्यटन के सीज़न को देखते हुए पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित कर लिया जाएं। पार्किग की व्यवस्था के लिए प्लान कर लिया जाए।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से मनरेगा और स्वरोजगार योजनाओं की प्रगति की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि कोविड काल में लाकडाऊन के समय कोविड-19 के दिशा-निर्देश के उल्लंघन पर लोगों पर हुए मुकदमों को वापस लेने की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए। मुख्यमंत्री ने चमोली जिलाधिकारी से तपोवन आपदा से प्रभावित गांवों में पुनः कनेक्टीवीटी सुचारू करने के बारे में जानकारी ली। स्वरोजगार योजनाओं के लिये बैंकों से समन्वय हो।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश, सचिव श्री अमित नेगी, श्री शैलेश बगोली तथा दोनों मंडलायुक्त, जिलों में मुख्य विकास अधिकारी, एसएसपी भी उपस्थित थे।