साफ़ सुथरी और जवाबदेह सरकार की तरफ अग्रसर सीएम तीरथ रावत
मुख्यसचिव सहित कई और अधिकारियों की होगी छुट्टी !
कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की तीरथ राज में आने वाले हैं गर्दिश के दिन
राजेंद्र जोशी
देहरादून : मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत साफ़ सुथरी और जवाबदेह सरकार की तरफ बढ़ते नज़र आ रहे हैं इसी कड़ी में उन्होंने सबसे पहले अपने मंत्रिमंडल में नए चेहरे जोड़ते हुए जहां एक कदम आगे बढ़ाया है वहीं अब चर्चा है वे सूबे की ब्यूरोक्रेसी में भी आमूल-चूल परिवर्तन करने जा रहे हैं, जिन अधिकारियों की कार्यशैली और के चलते त्रिवेंद्र सिंह रावत को नीचा देखना पड़ा है वे उनको कतई भी अपने नज़दीक फटकने देने वाले ऐसा सूत्रों का कहना है। इसका पहला उदाहरण उन्होंने मुख्यमंत्री सचिव के रूप में शैलेश बगोली और अमित सिंह नेगी की ताजपोशी के रूप में देखा जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार वे ऐसे किसी भी IAS अधिकारी को अपने इर्द-गिर्द नहीं रखना चाहते हैं जिनका पिछला ट्रैक रिकॉर्ड और शक्ल – सूरत प्रदेश की जनता को पसंद नहीं है। इस कड़ी में सबसे पहली गाज प्रदेश के मुख्य सचिव पर गिरने वाली है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में chief Secretary की जिम्मेदारी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और तेज़तर्रार छवि के अधिकारियों में शुमार एस.एस. संधू (Sukhbir Singh Sandhu) को राज्य का नया chief Secretary बनाया जा सकता है। वर्तमान में एसएस संधू राष्ट्रीय राज मार्ग मंत्रालय के चेयरमैन हैं और उनका वहां कार्यकाल समाप्त होने वाला है।
वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड काडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और उत्तराखंड के मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह को मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रधान सचिव (Secretary General) की जिम्मेदारी दिए जाने की जानकारी सामने आ रही है। PMO व कैबिनेट सचिवालय में काम करने का लंबा तजुर्बा रखने वाले 1983 बैच के आईएएस शत्रुघ्न सिंह की गिनती देश के ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों में की जाती रही है।
गौरतलब हो कि श्री शत्रुघ्न सिंह ने 19 नवंबर, 2016 को उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने राज्य के नये मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) पद की शपथ ली थी और वहां से उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय और सूबे के प्रमुख पदों पर ईमानदार और स्वच्छ छवि के अधिकारियों को कुर्सियां दिए जाने की कवायद शुरू हो चुकी है। वहीं अब तक प्रदेश के नेताओं और जनता को हेय दृष्टि से देखने वाले IAS और IPS अधिकारियों की तीरथ राज में गर्दिश के दिन आते नज़र आ रहे हैं।