त्रिवेंद्र सरकार में शामिल मंत्रियों की कार्यप्रणाली और आउटपुट बनेगा आधार !
सीएम तीरथ खुद निर्णय लेने के बजाय केंद्र की मंजूरी के बाद ही लेंगे कोई निर्णय!
तो क्या प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, बिशन सिंह चुफाल, पुष्कर सिंह धामी और महेंद्र प्रसाद भट्ट बनेंगे मंत्री ?
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून: Discussions are going on between the organization, including the government and the organization, after the arrival of the new Chief Minister Tirath Singh Rawat on the removal of some cabinet and state ministerial ministers who were ministers in the Trivendra government. Discussions are also going on as to what has been the functioning and output of the ministers involved in the Trivandra government during the last four years. The three also believe that after doing all the multiplication, what is their overall performance? Because the three of the government, organization, and union also believe that what will be the reaction from the decision to remove the old ministers from the cabinet, whether the opposition will get the issue of removing the ministers after the issue after the removal of the chief minister. But serious consultation is going on.
त्रिवेंद्र सरकार में मंत्री रहे कुछ कैबिनेट और राज्य मंत्री स्तर के मंत्रियों को हटाए जाने पर नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के आने के बाद सरकार और संगठन सहित संघ के मध्य विचार विमर्श चल रहा है। यह विचार विमर्श भी चल रहा है कि बीते चार साल के दौरान त्रिवेंद्र सरकार में शामिल मंत्रियों की कैसी कार्यप्रणाली और आउटपुट क्या रहा है। तीनों का यह भी मानना है कि सभी तरह के गुणा-भाग करने के बाद इनका ओवर आल परफामेंस क्या रहा है। क्योंकि सरकार, संगठन और संघ तीनों का यह भी मानना है कि पुराने मंत्रियों को मंत्रिमंडल से हटाने का फैसले से अब क्या प्रतिक्रिया होगी कहीं विपक्ष को मुख्यमंत्री हटाने के बाद मिले मुद्दे के बाद कहीं मंत्रियों को हटाने का मुद्दा तो नहीं मिल जाएगा इन सब पहलुओं पर गंभीर मंत्रणा चल रही है।
वहीं यह भी चर्चा चल रही है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, बिशन सिंह चुफाल, पुष्कर सिंह धामी और महेंद्र प्रसाद भट्ट सहित केदार सिंह रावत, गोपाल रावत , स्वामी यतीश्वरानन्द , आदेश चौहान, राजेश शुक्ला, बलवंतसिंह भौंरियाल , चंद्रा पंत और राजकुमार ठुकराल मंत्री की दौड़ में शामिल हैं जबकि संगठन में अब किसकी प्रदेश अध्यक्ष पर ताजपोशी होगी इस पर भी विचार चल रहा है। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में कौन होगा इस पर पार्टी संगठन विचार कर रहा है। लेकिन चर्चाओं के अनुसार पार्टी यदि कुमाऊँ से ही प्रदेश अध्यक्ष बनाती है तो इसमें कैलाश पंत और सुरेश भट्ट के नाम बताए जा रहे हैं।
हालांकि राजनीतिक बुझक्कड़ों का मानना है कि तीरथ सिंह रावत मुख्यमंत्री बनते ही किसी को खुद ही कैबिनेट से हटाकर शुरू में ही नाराजगी तो नहीं लेना चाहेंगे। लेकिन इसके लिए वे अब नई दिल्ली की तरफ गेंद फेंक चुके हैं ताकि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे। वैसे भी तीरथ सिंह रावत सीधे और सरल व्यक्ति रहे यहीं वे कभी भी यह नहीं चाहेंगे कि उनके किसी निर्णय से किसी का भी दिल टूटे। लेकिन यह तय है इस मामले में खुद निर्णय लेने के बजाय केंद्र की मंजूरी के बाद ही कोई निर्णय लेंगे।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिस 10 मार्च को पहले तीरथ सिंह रावत के साथ तीन से पांच मंत्रियों को भी शपथ दिलाए जाने की पार्टी की योजना थी। लेकिन लम्बी सूची और गुटीय खींचतान की वजह से संगठन ने इस दिन यह निर्णय वापस ले लिया। गौरतलब हो कि भाजपा के कई विधायक लम्बे समय से मंत्री बनने की चाह पाले हुए हैं और इनमें से कइयों का तो अधिकार भी बनता है क्योंकि संगठन और अनुभव को यदि तवज्जो दे दी जाए तो भाजपा विधायकों की लम्बी फेहरिस्त है जिन्हे त्रिवेंद्र मंत्रिमडल में जगह नहीं मिल पाई । इतना ही नहीं पार्टी को अब चुनाव से पहले कई जिलों को भी मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व देना होगा इस लिए भी नए मंत्रियों के चयन में वक़्त लग रहा है लेकिन यह भी माना जा रहा है कि आज या कल में किसी भी वक़्त इस पर फैसला हो सकता है और नए विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है। इस बात के संकेत पार्टी अध्यक्ष बंशीधर भगत ने भी दिए हैं।
उन्होंने कहा राज्य में नई कैबिनेट का गठन एक दो दिन के भीतर हो जाने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत जल्द इस संदर्भ में फैसला लेंगे। कैबिनेट गठन को लेकर शीर्ष नेतृत्व से भी राय मशवरा किया जा रहा है। मेरी राय में जल्द ही कैबिनेट के सभी पदों पर मंत्रियों की नियुक्ति कर दी जाएगी। कैबिनेट में कुछ नए चेहरे भी शामिल होने की उम्मीद है। लेकिन इस संदर्भ में अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री को ही करना है।