UTTARAKHAND
‘सीएम’ के भरोसे पर खरे उतरे पौड़ी के ‘डीएम’

पौड़ी उत्तराखंड का ऐसा जिला है जो झेल रहा है सर्वाधिक पलायन की मार
पौड़ी के जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कई ड्रीम प्रोजेक्टों को धरातल पर उतारने में जुटे
दीपक फरस्वाण
कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं होता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो। ये शब्द किसी ने यूं ही नहीं कहे। कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो राहें खुद ब खुद आसान हो जाती हैं। जी-हां कुछ ऐसा ही कमाल पौड़ी जिले के कलेक्टर धीराज गर्ब्याल करके दिखा रहे हैं।
पौड़ी उत्तराखंड का ऐसा जिला है जो सर्वाधिक पलायन की मार झेल रहा है। गांव के गांव वीरान हो चुके हैं और जहां कभी लोग हंसी-खुशी अपने परिवारों के साथ रहते थे वो घर आज खंडहरों में तब्दील हो चुके हैं। दूसरी बड़ी समस्या यह जिला पर्यटन के क्षेत्र में पिछड़ने के कारण झेल रहा है। जहां गढ़वाल के दूसरे जिले चारधाम यात्रा रूट से जुड़े हैं तो पौड़ी यात्रा रूट पर न होने के कारण पर्यटन के मामले में भी लगातार पिछड़ रहा है।
ऐसे में इस जिले को दोबारा खुशहाल बनाना किसी चुनौती से कम नहीं। ऐसा भी नहीं है कि पौड़ी को पुनः खुशहाल बनाने के लिए कभी कोई काम नहीं हुआ लेकिन सही दिशा में कार्य न होने के चलते कभी यह प्रयास कामयाब नहीं हो पाए।
इधर, त्रिवेंद्र सरकार जब सत्ता में आई तो पहली बार राज्य पलायन आयोग का न केवल गठन किया गया बल्कि इसका मुख्यालय भी पौड़ी में ही बनाया गया तो दूसरी ओर सरकार ने इस जिले में एक ऐसे अफसर की तैनाती बतौर जिलाधिकारी की जो यहां की समस्याओं को न केवल समझ सके बल्कि उन्हें दूर भी करे।
वर्तमान में पौड़ी के जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कई ड्रीम प्रोजेक्टों को धरातल पर उतारने में जुटे हैं। इनोवेटिव एप्रोच के साथ लगातार किए जा रहे उनके प्रयासों से आने वाले दिनों में पौड़ी पर्यटन के मानचित्र में खास जगह बनाने वाला है।
पौड़ी जिले में पिछले कुछ समय से कई ऐसे प्रयोग हो रहे हैं, जो आने वाले दिनों में आकर्षण के बड़े केंद्र होंगे। फिर चाहे वह कंडोलिया थीम पार्क हो, हैरिटेज स्ट्रीट हो, बासा होमस्टे, नयार घाटी एडवेंचर हो या नैनीडांडा का पटेलिया एप्पल फॉर्म। सभी आने वाले दिनों में आकर्षण का बड़ा केंद्र बनने का माद्दा रखते हैं।
आम कलेक्टर के विपरीत धीराज सिंह गर्ब्याल ने जनता से सीधे संवाद कर जिले में ब्लाकवार जमीनी अध्ययन कर वहां सतत विकास व आजीविका के अवसरों में इजाफे के लिए अनुकरणीय प्रयास शुरू किए। डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल के इन प्रयासों से सरकार के लोककल्याण के फैसले भी सीधे समाज के अंतिम व्यक्ति की दहलीज तक पंहुच रहे हैं।