पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने सीनियर नेताओं को सौंपी जिम्मेदारी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने की वरिष्ठ पर्यवेक्षकों की नियुक्ति, जो राज्यों के प्रभारियों के साथ निकट समन्वय में करेंगे काम
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष बालासाहेब थोराट के बदलाव की अटकलें
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महाराष्ट्र प्रभारी एच के पाटिल ने एक व्यक्ति एक पद की नीति के मद्देनजर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट के स्थान पर किसी अन्य की संभावित नियुक्ति के लिए यहां के कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की है। थोराट इस समय महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष के साथ-साथ महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार में राजस्व मंत्री भी हैं। वह कांग्रेस विधायक दल के नेता की जिम्मेदारी का भी निर्वहन कर रहे हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष के पद की दौड़ में गुजरात के लिए कांग्रेस के प्रभारी महासचिव राजीव सातव, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री अमित देशमुख, यशोमति ठाकुर, विजय वडेट्टीवार और विश्वजीत कदम शामिल हैं। सातव को कांग्रेस नेता राहुल गांधी का करीबी माना जाता है और इस समय वह महाराष्ट्र से राज्यसभा सदस्य हैं।
नई दिल्ली : कांग्रेस ने असम, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी के विधानसभा चुनावों में चुनाव अभियान प्रबंधन एवं समन्वय के लिए कई वरिष्ठ पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। इसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हैं। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वरिष्ठ पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जो संबंधित राज्यों के प्रभारियों के साथ निकट समन्वय में काम करेंगे।
असम विधानसभा चुनाव के लिए भूपेश बघेल और वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक एवं शकील अहमद खान, केरल विधानसभा चुनाव के लिए अशोक गहलोत और वरिष्ठ नेता लुईजिनो फ्लेरियो एवं जी परमेश्वर तथा पश्चिम बंगाल के लिए वरिष्ठ नेता बीके हरि प्रसाद और पंजाब सरकार के मंत्री विजय इंदर सिंघला एवं झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम को वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया गया है।
इसके साथ ही तमिलनाडु एवं पुडुचेरी विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली, एमएम पल्लम राजू और महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नितिन राउत को वरिष्ठ पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी दी गई है। गौरतलब है कि असम, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होना है।