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कांग्रेस के दिग्गज नेता बूटा सिंह का देहांत

बूटा सिंह ने अपना पहला चुनाव अकाली दल के सदस्य के रूप में लड़ा

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री बूटा सिंह का आज शनिवार को  निधन हो गया, वे 86 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा आकर परलोक गमन कर गए। कांग्रेस के दिग्गज नेता मोटो लाल बोरा के बाद बूटा सिंह का चले जाना कांग्रेस के लिए किसी बड़े आघात से कम नहीं है। बूटा सिंह ने अपना पहला चुनाव अकाली दल के सदस्य के रूप में लड़ा था और 1960 के दशक वे  में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

उसके बाद में उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री सहित कई पदों पर कार्य किया था। वे 2007 से 2010 तक राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष थे। बूटा सिंह राजीव गांधी सरकार में गृह मंत्री भी रहे थे।  पंजाब के जालंधर में पैदा हुए बूटा सिंह ने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत अकाली दल से की थी, पहला लोकसभा चुनाव भी अकाली दल से लड़ा था, लेकिन 60 के दशक में वो कांग्रेस से जुड़ गए। 

1967 से लगातार पंजाब के रोपड़ से वो चुनाव लड़ते आ रहे थे।  लेकिन 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या और फिर सिख विरोधी दंगे की वजह के बाद कांग्रेस के खिलाफ माहौल को देखते हुए राजीव गांधी ने उस बूटा सिंह को पंजाब से राजस्थान भेज दिया था।  राजस्थान की जालौर की सुरक्षित सीट पर बूटा सिंह ने तब आसानी से जीत दर्ज की थी।  हालांकि 1989 के लोकसभा चुनाव में उन्हें जालौर से भी हार का सामना करना पड़ा था। 

उन्होंने पंजाबी साहित्य और सिख इतिहास और पंजाबी स्पीकिंग स्टेट नामक पुस्तक (एक महत्वपूर्ण विश्लेषण) पर लेखों का संग्रह भी लिखा है।

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