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जौली ग्रांट एयरपोर्ट के विस्तार के खिलाफ जनभावना के साथ है कांग्रेस : यादव

सरकार को न इंन्सान की परवाह है न जीव-जंतु और जंगल कीः देवेंद्र यादव

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

एयरपोर्ट विस्तारीकरण से पर्यावरण को नहीं पहुंचेगा नुकसानः डीके गौतम

जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण को लेकर पेड़ काटने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है।
दरअसल, एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार को प्रपोजल भेजा गया है और जिसमें 10 हजार पेड़ विस्तारीकरण की जद में आने की बात कही गई है। जिसे सुनकर पेड़ बचाने के लिए कुछ सामाजिक संगठन अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं। जिस पर एयरपोर्ट निदेशक डीके गौतम ने कहा कि कुछ लोग इस मामले में गुमराह कर रहे हैं।
एयरपोर्ट निदेशक डीके गौतम का कहना है कि एयरपोर्ट विस्तारीकरण में सभी दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है। कुछ संगठनों द्वारा पेड़ बचाओ अभियान के माध्यम से नकारात्मक अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ सामाजिक संगठन थानो बचाओ, जंगल बचाओ आदि के नाम से हवाई अड्डा विस्तार परियोजनाओं को रोकने के लिए नकारात्मक अभियान चला रहे हैं। साथ ही उन्हें तथ्यों और आंकड़ों के बारे में बहुत कम जानकारी है।
एयरपोर्ट निदेशक डीके गौतम ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा आरक्षित वन भूमि के अंदर आने वाले पेड़ों के लिए केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ) के दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है। जिसके तहत जितने भी पेड़ एयरपोर्ट विस्तारीकरण में प्रभावित होंगे उतने ही पेड़ खाली जगह पर लगाए जाएंगे। वहीं विरोध करने के बजाए इन पेड़ों को लगाने में संगठन आगे आएं और एयरपोर्ट ऑथेरिटी की मदद करें। उन्होंने कहा कि संगठन नकारात्मक अभियान चलाकर जनता को गुमराह ना करें।
नई दिल्ली । कांग्रेस के उतराखंड प्रभारी एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता देवेंद्र यादव ने देहरादून जौली ग्रांट एयरपोर्ट मामले में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आंदोलन इस बात का गवाह है कि उतराखंड में एक पेड़ का स्थानीय उतराखंडी के लिए प्राणों से भी ज्यादा महत्व है। जल, जंगल और जमीन उतराखंड के प्राण हैं। पर्यटन उद्योग की धूरी और यहां की खूबसूरती ही जंगल है लेकिन केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ कर देहरादून जौली ग्रांट के रनवे के विस्तार के लिए दस हजार पेड़ों को काटने और वन्य प्राणियों के लिए आरक्षित भूमि एयरपोर्ट को सौंपने पर आमदा है। इस सरकार को न इन्सान की परवाह है न जीव जंतुओं और जंगल की। कांग्रेस जनभावना का समर्थन करती है और इस विरोध में जनता के साथ है।
प्रदेश महामंत्री संगठन विजय सारस्वत के माध्यम से जारी बयान में श्री यादव ने कहा कि भाजपा सरकार को जनभावनाओं और जंगल और उसमें रह रहे वन्य प्राणियों के प्रति जो जिम्मेदारी बनती है उसे निभाना चाहिए था लेकिन वो जनआवाज की अनदेखी कर रहे हैं। पर्यावरण संतुलन और वन्य प्राणियों तक की परवाह नहीं की जा रही। राजाजी नेशनल पार्क के इको सेंसटिव जोन के दस वर्ग किमी एरिया को एयरपोर्ट को सौंपने से हाथियों का कारिडोर ऐरिया समाप्त हो जाएगा। वन संपदा अमुल्य संपदा है। इसी संपदा में मौजूद दस हजार पेड़ों में खैर, सागोन, गुलमोहर सहित विभिन्न 25 किस्मों के वृक्ष  शामिल हैं, जिन्हें काट दिया जाएगा। सरकार के इस निर्णय के बाद शिवालिक एलिफेंट रिजर्व एरिया इससे प्रभावित होगा। श्री यादव ने कहा कि इस निर्णय के दूरगामी परिणाम होंगे।
उन्होंने कहा इस फैसले के कारण स्थानिय लोगों की आबादी से जंगली जानवरों का टकराव पहले से ज्यादा  बढ़ जाएगा। जंगली जानवरों खासतौर से हाथियों की जीवन शैली और उनके प्रजनन पर इसका प्रभाव पड़ेगा। ऐसे फैसलों से प्रदेश के हर आदमी पर असर पड़ता है। एक पेड़ कटने का मतलब है हरियाली पर असर और हरियाली और वनों की वजह से ही पर्यटन और उससे जुड़ा रोजगार है। ये कदम स्थाई बेरोजगारी पैदा करने वाला भी है। यहां ये भी गौर करने वाली बात है कि ये एरिया सैसेमिक जोन-चार में आता है जोकि भूकंप के लिए लिहाज से अतिसंवेदनशील श्रेणी में है।
उन्होंने कहा ये प्रमाणित है कि खनन, जंगल कटाव इस संवेदनशीलता को बढ़ाते हैं। फिर भी सरकार इस विस्तार को करने पर अड़ी हुई दिखाई देती है। जोकि उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि देहरादून की थानो फारेस्ट रेंज में रहने वाले जीव जन्तुओं पर इस फैसले का बुरा प्रभाव पडना तय है, क्योंकि इस ऐरिया में तेंदुए, साही, जंगली बिल्लियां, जंगली सुअर, बाज, विशिष्ट प्रजातियों से आने वाले उल्लू और बाज, चिडियां, चींटीखोर तो रहते हैं ही बल्कि हाथियों की पनाहगाह के रास्ते भी यहीं से हैं। यदि सरकार ने अपना निर्णय नहीं बदला तो ये जंगली व्यवस्था और तानाबान छिन्न भिन्न हो जाएगा, पर्यावरण प्रेमी और पशु प्रेमी इसी को लेकर चिंतातुर हैं और इसी का हवाला दे रहे हैं।
उतराखंड प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा कि कांग्रेस इस जनभावना का सम्मान करती है। कांग्रेस पार्टी उतराखंड और केंद्र की भाजपा सरकार की इस जिद भरे निर्णय के लिए कड़ी निंदा करती है और मांग करती है कि जो प्रश्र पर्यावरण संगठनों, स्थानिय लोगों द्वारा उठाए जा रहे हैं सरकार उनका जवाब दे उसके बाद ही कोई निर्णय ले। कांग्रेस पार्टी चिपकों आंदोलन की इस वीर भूमि से उठी विरोध की इस भावना के साथ है। हम फैसले का विरोध कर रहे संगठनों और समान विचार धारा वालों के साथ हैं।

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