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मातृ सदन के स्वामी शिवानंद ने आश्वासन के बाद समाप्त किया अनशन

गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद कर रहे थे अनशन 

नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा से मिला मांगे पूर्ण करने का आश्वासन समाप्त

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

मातृ सदन की छह सूत्रीय ये हैं मांगें

  • हरिद्वार में गंगा और सहायक नदियों में खनन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगे।
  • ज्ञानस्वरूप सानंद की ओर से प्रस्तावित गंगा एक्ट को लागू किया जाए।
  • नदियों के पांच किमी के दायरे तक लगे स्टोन क्रशर बंद हों।
  • ज्ञानस्वरूप सानंद की हत्या की जांच हो और ब्रह्मचारी संत आत्मबोधानंद और साध्वी पद्मावती की हत्या की उच्चस्तरीय जांच हो।
  • उत्तराखंड में गंगा और उसकी सहायक नदियों पर निर्माणाधीन व प्रस्तावित सभी जलविद्युत परियोजनाएं निरस्त हों।
  • एनएमसीजी के नौ अक्टूबर 2018 के आदेश को अंतिम रूप देकर प्रधानमंत्री को एक अक्टूबर 2019 को सूचित करने के बाद जिन व्यक्तियों ने इसके विपरीत कार्य किया, उसकी उच्चस्तरीय जांच हो।
हरिद्वार। बीते एक महीने से गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए अनशन कर रहे मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने आज गुरूवार को केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय और नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) के आश्वासन पर अपना अनशन समाप्त कर दिया है।
ज्ञात हो कि गंगा की स्वच्छता संबंधी छह सूत्रीय मांगों को लेकर मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद बीते तीन अगस्त से अनशन पर बैठे थे। उन्होंने कहा था कि वह ब्रह्मलीन पूर्व प्रो. स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद की मांगों के पूरा होने तक अपना अनशन जारी रखेंगे और मांगों के समधान के बाद ही यहां से उठेंगे।
इस दौरान उन्होंने राज्य एवं केन्द्र सरकार पर लाॅकडाउन के दौरान अवैध खनन कराए जाने के आरोप भी लगाए थे।
उनके अनशन का संज्ञान लेते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय और नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) ने बुधवार को देर रात उनकी मांगों को लेकर आश्वासन दिया।
एनएमसीजी से लिखित आश्वासन मिलने के बाद गुरुवार को आज स्वामी शिवानंद ने अपना अनशन समाप्त कर दिया।

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