राधिका की जांचों के बाद पाया गया कि उन्हें स्क्रब टाइफस है, यह बीमारी कीड़े के काटने से होती है : डाॅ. शिप्रा
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून। स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के अंतर्गत हिमालयन हाॅस्पिटल की ओर से संचालित अस्पताल सीएचसी देप्रयाग में 13 वर्षीय राधिका को नया जीवन दिया गया। एसआरएचयू हिमालयन अस्पताल की ओर से संचालित सीएचसी देवप्रयाग में बाल रेाग विभाग की को से राधिका की जान बचाई गई।
बाल रोग विशेषज्ञ डाॅ. शिप्रा जयसवाल ने बताया कि राधिका देप्रयाग जिले के हिंडोलाखाल से हैं जिनकी उम्र 13 वर्ष है। राधिका जब सीएचसी देप्रयाग आई तब उन्हें तेज बुखार, बल्ड प्रेशर लो, लगातार उल्टी व पीलिया जैसी समस्या से पीड़ित थी। चिकित्सक का कहना है कि राधिका को लैट्रिन में खून भी आ रहा था।
डाॅ. शिप्रा ने बताया कि राधिका को सीएचसी देप्रयाग अस्पताल में भर्ती किया गया, जिसके बाद उनकी खून की जांचें की गई। राधिका की जांचों के बाद पाया गया कि उन्हें स्क्रब टाइफस भी है यह बीमारी कीड़े के काटने से होती है, स्क्रब टाइफस रोग के लक्षण बच्चों में उन्हें उल्टी आना व बुखार आना जैसे लक्षण होते हैं। डाॅ. शिप्रा ने बताया कि राधिका अस्पताल में आठ दिन तक एडमिट रही उसका इलाज कर अब राधिका पूर्ण रूप से स्वस्थ है व अस्पताल से डिस्चार्ज हो गई है।
डाॅ. शिप्रा जयसवाल का कहना है कि अगर राधिका का समय रहते इलाज न किया जाता तो उसकी जान को भी खतरा हो सकता था। हिमालयन अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. एसएल जेठानी ने डाॅ. शिप्रा जयसवाल को बधाई व राधिका के स्वास्थ्य लाभ की कामना की है।