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कोरोना सैंपलिंग की बढ़ानी होगी रफ़्तार,उत्तराखंड अन्य हिमालयी राज्यों से पीछे

कोरोना संक्रमण की सैंपलिंग की गति बढ़ाने के सरकार को प्रयास करने होंगे : अनूप नौटियाल 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

लाचार होकर इस दुखद मंजर को देख ही सकते हैं

अधिवक्ता एसएस मेहरा का कहना है कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा प्रदेश में आ रहे प्रवासी लोगों को उचित एवं ठोस तरीके के साथ नियंत्रित नहीं किया तो आने वाले समय मे उत्तराखण्ड राज्य के पर्वतीय जिलों मे कोरोना वाइरस का संक्रमण खतरनाक रूप धारण कर सकता है, जो की वर्तमान मे सच साबित होता प्रतीत हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस संक्रमण को रोकने के लिए कठोर एवं निर्णायक कार्यवाही करनी होगी।
उन्होंने कहा यही गलती शुरुआत में हमारे देश के यशश्वी प्रधानमंत्री जी द्वारा की गई। हिन्दुस्तानियों के डीएनए को देखते हुए गलती यह की गई कि विदेश से आने वाले लोगों का हवाई अड्डे पर तापमान नापकर छोड़ दिया गया बजाय इसके कि सभी विदेश से आने वाली फ्लाइट को समय रहते रोक दिया जाता। उन्होंने कहा चीन ने भी उस संक्रमण को सिर्फ अपने एक प्रान्त तक ही सीमित रखा। हम तो अब लाचार होकर इस दुखद मंजर को देख ही सकते हैं ।
देहरादून  : कोविड-19 महामारी के खिलाफ जंग में जहां उत्तराखंड देश में तीसरे स्थान पर है लेकिन वहीं देश की हिमालयी राज्यों में उसकी स्थिति कोरोना संक्रमण के लिए की जाने वाली सैंपलिंग में पीछे आंकी गई है। यानि कोरोना संक्रमण की जांच करने में उत्तराखंड हिमाचल से भी पीछे है। 
सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज के संस्थापक अनूप नौटियाल द्वारा तीनों राज्यों हिमाचल, उत्तराखंड और त्रिपुरा के तुलनात्मक अध्ययन से यह तथ्य सामने आए हैं  कि जहां उत्तराखंड में प्रति लाख लोगों पर 119 टेस्ट हो रहे हैं वहीं  हिमाचल में यह आंकड़ा 264 है जबकि त्रिपुरा में 324 है। कोरोना संक्रमण की जांच के लिए जहां हिमाचल में चार प्रयोगशालायें कार्यरत हैं जिनमें सीआरआई कसौली, आईजीएमसी शिमला, आरपीएमसी टांडा, एलबीएस मेडिकल कॉलेज नेरचौक मंडी शामिल हैं। जबकि उत्तराखंड में एक निजी लैब सहित पांच प्रयोगशालाओं दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल, हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज और एम्स ऋषिकेश में कोरोना के टेस्ट हो रहे हैं। लेकिन परेशानी की बात तो यह है कि कोरोना को लेकर किये जा रहे सैंपलों की जांच की रफ्तार में जम्मू कश्मीर, त्रिपुरा और हिमाचल से उत्तराखंड अभी भी काफी पीछे है। जबकि प्रवासियों के लौटने के बाद कोरोना संक्रमण की सैंपलिंग की गति बढ़ाने के सरकार को प्रयास करने होंगे। 

कोरोना टेस्ट में हिमालय राज्यों  का तुलनात्मक विवरण:- 

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