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यूपी के विधायक का सैर सपाटाः मंत्री कौशिक बोले, उत्तराखंड सरकार करा रही पूरी जांच
यूपी के विधायक अमनमणि त्रिपाठी समेत दस लोगों को बदरीनाथ और केदारनाथ यात्रा का पास जारी होना राज्य के अफसरों की बड़ी चूकः कौशिक
यह चूक किस स्तर पर हुई और क्यों हुई, इसकी पड़ताल की जा रही है। सभी तथ्य सामने आने के बाद इस मामले में कार्रवाई की जाएगीः कौशिक
विधायक अमनमणि अपने कृत्यों के लिए स्वयं उत्तरदायी हैंः उत्तर प्रदेश सरकार का बयान
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून। उत्तर प्रदेश के निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी को उत्तराखंड में सैर सपाटा कराने के मामले की उत्तराखंड सरकार जांच पड़ताल करा रही है। सोमवार को उत्तराखंड सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने यह बात कही है।
कैबिनेट मंत्री कौशिक ने सोमवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए यह स्वीकार किया कि यूपी के निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी समेत दस लोगों को बदरीनाथ और केदारनाथ यात्रा का पास जारी होना राज्य के अफसरों की बड़ी चूक है। यह चूक किस स्तर पर हुई और क्यों हुई, इसकी पड़ताल की जा रही है। सभी तथ्य सामने आने के बाद इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।
उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव स्तर से देहरादून के जिला प्रशासन को यूपी के विधायक अमनमणि त्रिपाठी और उनके साथ लोगों को तीन गाड़ियों से बदरीनाथ व केदारनाथ धाम की यात्रा करने के लिए अनुमति देने की पैरवी की गई थी। कोरोना संक्रमण की आपात स्थिति में लॉकडाउन के दौरान सभी गाइडलाइन को दरकिनार करते हुए विधायक ने राज्य के कई जिलों की धड़ल्ले से सैर की। चमोली जिला के कर्णप्रयाग में रोके जाने के बाद इस मामले का खुलासा हुआ।
यह मामला रविवार से मीडिया की सुर्खियां बना है। बाद में मुनिकी रेती थाना में यूपी के विधायक और उनके साथियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करके उनकी गिरफ्तारी की गई। बाद में विधायक और सात लोगों के खिलाफ लॉकडाउन के उल्लंघन के मामले में बिजनौर जिला के नजीबाबाद में भी मुकदमा लिखा गया।
अमनमणि को किसी ने अधिकृत नहीं किया थाः यूपी सरकार
उधर,यूपी सरकार ने इस मामले में कहा कि निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी को न तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और न ही राज्य सरकार द्वारा अधिकृत किया गया है। वह अपने कृत्यों के लिए स्वयं उत्तरदायी हैं और उनके द्वारा तथ्यों को भ्रामक रूप से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ जोड़ना आपत्तिजनक है।