तीन बार चालान कटने के उपरान्त ड्राइविंग लाइसेंस होगा निरस्त
प्रदेश के सभी 13 जनपदों में ई-चालान व्यवस्था शुरू
मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी जनपदों के लिए इन्टरसेप्टर भी रवाना किये
ई-चालान व्यवस्था लागू होने से यह भी पता चल सकेगा कि किस व्यक्ति का नियमों का उल्लंघन करते हुए कितनी बार चालान काटा
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि यातायात के नियमों का पालन करना सभी की जिम्मेदारी है। सड़क सुरक्षा के लिए निरन्तर जागरूकता कार्यक्रम चलाना जरूरी है। यातायात का उल्लंघन करने वालों पर पुलिस द्वारा सख्ती बरतने पर पिछले एक साल में दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आई है।
सम्बोधन से पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को पुलिस लाईन, देहरादून में सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम-2020 में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ई-चालान ऐप एवं उत्तराखण्ड ट्रैफिक आई ऐप को लॉच किया। इस व्यवस्था के शुरू होते ही प्रदेश के सभी 13 जनपदों में ई-चालान व्यवस्था शुरू हो गई है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी जनपदों के लिए इन्टरसेप्टर भी रवाना किये। मुख्यमंत्री के समक्ष ई-चालान के लिए यातायात निदेशक श्री केवल खुराना एवं एसबीआई के डीजीएम श्री बी.एल सैनी ने एमओयू हस्ताक्षरित किया। ई-चालान व्यवस्था लागू होने से यह भी पता चल सकेगा कि किस व्यक्ति का नियमों का उल्लंघन करते हुए कितनी बार चालान काटा गया है। किसी व्यक्ति का तीन बार चालान कटने के उपरान्त ड्राइविंग लाइसेंस भी निरस्त हो जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यातायात के नियमों के पालन हेतु सबको अनुशासित होना होगा। पुलिस का उद्देश्य चालान काटना नहीं, बल्कि लोगों की जीवन की रक्षा करना है। उन्होंने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाय। उन्होंने कहा कि चालान एवं दंड नियमों के पालन में सहायक तो हो सकते हैं, परन्तु अनुशासन ही दुर्घटनाओं से बचाव का एकमात्र रास्ता है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि देहरादून में यातायात व्यवस्थाओं के लिए पुलिस विभाग को 20 और वाहनों को स्वीकृति दी गई है।
पुलिस महानिदेशक श्री अनिल कुमार रतूड़ी ने कहा कि पुलिस का कार्य अनुशासन के साथ कठिन परिस्थितियों एवं चुनौतियों से निपटने का होता हैं जनता की सुरक्षा की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी पुलिस की होती है। किसी भी व्यवस्था का मूल उद्देश्य लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना है। पुलिस का उद्देश्य चालान काटना नहीं बल्कि लोगों के जीवन की रक्षा करना है। उत्तराखण्ड में प्रतिवर्ष लगभग 05 करोड़ लोग उत्तराखण्ड आते हैं। पर्यटन से उत्तराखण्ड की आर्थिकी में सुधार होता है। जो पर्यटक उत्तराखण्ड आते हैं, उससे भी प्रदेश में वाहनों की संख्या काफी बढ़ती है। ई-चालान व्यवस्था से जहां कम मानव संसाधन की जरूरत होगी, वहीं यातायात के नियमों का उल्लंघन करने वालों का ऑनलाईन चालान काटा जायेगा। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा को लेकर अभी और जागरूकता की जरूरत है। पिछले एक वर्ष में यातायात के नियमों का उल्लंघन करने पर 14 लाख चालान किये गये।
इस अवसर पर विधायक श्री हरबंस कपूर, श्री विनोद चमोली, 20 सूत्रीय कार्यक्रम के उपाध्यक्ष श्री नरेश बंसल, डीजी कानून एवं व्यवस्था श्री अशोक कुमार, निदेशक यातायात श्री केवल खुराना, डीआईजी श्री अरूण मोहन जोशी एवं पुलिस एवं एसबीआई के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।