CAPITAL

दिल्ली के उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी उतरेंगे सड़कों पर

दिल्ली में  वंचित राज्य आंदोलनकारियों  के संगठन की बैठक 

नंदन सिंह रावत संरक्षक और मनमोहन शाह अध्यक्ष बनाए गए

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

नई दिल्ली :   उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन कारियों के सबसे बड़े संगठन चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक और पूर्व राज्य मंत्री धीरेंद्र प्रताप की अनुशंसा पर समिति के केंद्रीय अध्यक्ष श्री हरि कृष्ण भट्ट ने संगठन के वंचित राज्य आंदोलनकारी प्रकोष्ठ के दिल्ली शाखा के संरक्षक के रूप में प्रसिद्ध राज्य आंदोलनकारी नंदन सिंह रावत और अध्यक्ष के रूप में मनमोहन शाह वो नियुक्त किया है ।यह नियुक्ति तत्काल रुप से प्रभावी हो गई है ।

उल्लेखनीय है पिछली कांग्रेस सरकार में तत्कालीन राज्य मंत्री धीरेंद्र प्रताप के प्रयासों से करीब 300 से ज्यादा लोग दिल्ली में ऐसे चिन्हित किए गए थे जो आज भी वंचित आंदोलनकारियों की श्रेणी में है व जिन्हें आज भी चिन्हित आंदोलनकारी प्रमाण पत्र नहीं मिल पाए हैं और यही कारण है कि  अब जब 20 साल हो गए हैं  और उनका चिन्हीकरण नहीं हुआ है  तो उन्होंने सड़कों पर आने का फैसला किया है।

बैठक में यह तय किया गया है अब नई सरकार के सम्मुख श्री नंदन सिंह रावत और श्री मनमोहन शाह के नेतृत्व में वंचित आंदोलनकारी समिति मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत जब भी दिल्ली आएंगे उनसे मिलेगी और दिल्ली के जो आंदोलनकारी चिन्हकरण  से छूट गए हैं उनके चिन्हकरण के लिए ज्ञापन देगी। यदि पहले ज्ञापन के बाद 15 दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो अगली बार जब भी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आएंगे दिल्ली के वंचित राज्य आंदोलनकारी उनका “घेराव” करेंगे ।

नंदन सिंह रावत और मनमोहन शाह ने तमाम दिल्ली के वंचित आन्दोलनकारियों से संगठित होने का आह्वान करते हुए त्रिवेंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन कारियों की उपेक्षा पर नाराजगी व्यक्त की है और गांधीवादी सत्याग्रह के माध्यम से अपनी लड़ाई तेज करने का इरादा जताया है।

गौरतलब हो कि उत्तराखंड राज्य निर्माण में दिल्ली के राज्य आंदोलनकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी परंतु 20 वर्ष बाद भी अनेक आन्दोलनकारी चिन्हीकरण से छूट गए है।यही नहीं दिल्ली के आसपास नोएडा बहादुरगढ़ सोनीपत पानीपत मेरठ गाजियाबाद ऐसे अनेक जनपद हैं जहां के आंदोलनकारी आज भी सरकार की तरफ अपनी चिन्हकरण  के लिए टकटकी लगाए देख रहे हैं। धीरेंद्र प्रताप ने कहा उन्होंने नारायण दत्त तिवारी विजय बहुगुणा और हरीश रावत की सरकार में दिल्ली और आसपास के तमाम आंदोलनकारियों को चिन्हित राज्य आंदोलनकारी दर्जा दिलाए जाने की गंभीर कोशिशें की थी परंतु फिर भी अनेक लोग छूट गए हैं ।

जिसका उन्हें अफसोस है। लेकिन अब उत्तराखंड की त्रिवेन्द रावत के  नेतृत्व वाली भाजपाई सरकार को 18 मार्च को 3 वर्ष होने वाले हैं और उसके बावजूद भी एक भी आन्दोलनाकारी चिन्हित नहीं हुआ है । जिसका अब खुलकर विरोध किया जाएगा। 

Related Articles

Back to top button
Translate »