TEMPLES

हेमकुंड साहिब और लक्ष्मण मंदिर के कपाट एक जून को खुलेंगे

हेमकुंड धाम में अभी भी 20 फीट के करीब बर्फ के नीचे

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

मान्यता है कि सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह महाराज ने पूर्व जन्म में यहां पवित्र सरोवर के तट पर दुष्टदमन के रूप में तपस्या की थी। गुरुद्वारा से 50 मीटर की दूरी पर लोकपाल लक्ष्मण जी का भी पौराणिक मंदिर है। कहा जाता है कि यहां पर अयोध्या निर्वासन के बाद लक्ष्मण जी ने तपस्या की थी।

देहरादून । समुद्रतल से 15225 फीट की ऊंचाई पर स्थित हिमालय के पांचवें धाम और सिक्खों के पवित्र धामों में से एक श्री हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट आगामी एक जून को खोले जाएंगे। बर्फवारी ज्यादा होने के कारन इस बार धाम के कपाट पांच दिन बाद खोले जा रहे हैं जबकि पूर्व वर्षों में इन दोनों धामों के कपाट 25 मई को खोल दिए जाते रहे हैं । हेमकुंड धाम में अभी भी 20 फीट के करीब बर्फ जमी हुई है और गुरुद्वारा साहिब और लक्ष्मण मंदिर समेत हेमकुंड सरोवर बर्फ से पूरी तरह ढके हुए हैं।

चमोली जिले में स्थित हेमकुंड साहिब सिखों का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। वैसे तो वर्ष 2018 तक हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट 25 मई को खुल गए थे, लेकिन वर्ष 2019 में भारी बर्फबारी के चलते एक जून को कपाट खोले गए थे। पर इस बार तो स्थितियां और भी दुरूह हैं। पवित्र धाम पूरी तरह बर्फ में ढका हुआ है, जबकि यहाँ तक पहुँचने वाले मार्ग हेमकुंड-घांघरिया पैदल मार्ग पर अटलाकोटी समेत कुछ अन्य स्थानों पर 40 फीट ऊंचे हिमखंड बने हुए हैं। इससे सेना की इंजीनियरिंग कोर को पैदल मार्ग खोलने में काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है। गुरुद्वारा प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के सेवादारों ने घांघरिया में अभी से राशन पहुंचाना शुरू कर दिया है।

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