POLITICS

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कसरत तेज !

अजय भट्ट ने अगले कार्यकाल के लिए जाहिर कर दी अनिच्छा 

दावेदारों में सांसद अजय टम्टा, पूर्व सांसद बलराज पासी, कालाढुंगी विधायक बंशीधर भगत, खटीमा विधायक पुष्कर सिंह धामी, प्रांतीय महामंत्री राजेंद्र भंडारी व कैलाश पंत हैं शामिल

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून । उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव 16 जनवरी को होगा। केंद्रीय नेतृत्व की टीम रायशुमारी के लिए इस दिन देहरादून पहुंच रही है। मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, सांसद अजय टम्टा, कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत प्रबल दावेदारों में माने जा रहे थे, लेकिन अजय भट्ट ने अगले कार्यकाल के लिए अनिच्छा जाहिर कर दी है।

हालांकि सूत्रों का यह भी कहना है कि आम सहमति नहीं बनने की सूरत में पार्टी भट्ट को एक और मौका दे सकती है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम के ऐलान से पहले प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव तय माना जा रहा है। माना जा रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर 20 जनवरी तक मुहर लग सकती है। ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान तीन-चार दिन के भीतर हो सकता है। हालांकि, 30 दिसंबर तक यह ऐलान होना था, लेकिन सीएए को लेकर देशभर में बवाल मचने के बाद पार्टी के व्यस्त कार्यक्रमों के चलते प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव टल गया था।

भाजपा के ये कार्यक्रम प्रदेशभर में 15 जनवरी तक प्रस्तावित है। इस दिन चुनाव का नोटिफिकेशन हो जाएगा। लिहाजा, इसके बाद नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कसरत तेज होने जा रही है। भाजपा सूत्रों के अनुसार, 16 को रायशुमारी के लिए मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चैहान, केंद्रीय राज्यमंत्री अर्जुन सिंह मेघवाल के नेतृत्व में टीम पहुंचने वाली है। इसी दिन नाम के खुलासे की उम्मीद है।

इससे पहले पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद विनय सहस्रबुद्धे और राष्ट्रीय सचिव आरपी सिंह एक बार रायशुमारी कर जा चुके हैं। यह तो तय है कि पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष कुमाऊं मंडल से ही होगा। इस दौड़ में पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं। इनमें सांसद अजय टम्टा, पूर्व सांसद बलराज पासी, कालाढुंगी विधायक बंशीधर भगत, खटीमा विधायक पुष्कर सिंह धामी, प्रांतीय महामंत्री राजेंद्र भंडारी के साथ ही वरिष्ठ नेता केदार जोशी व कैलाश पंत शामिल हैं। सूत्रों ने बताया, नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन में जातीय व क्षेत्रीय संतुलन साधने की कोशिश की जा रही है। इसमें अजय भट्ट और बंशीधर भगत प्रबल दावेदारों में हैं।

हाईकमान भट्ट को प्रदेश अध्यक्ष के रूप में एक साल का एक्सटेंशन भी दे चुका है। सांसद बनने के बाद वे व्यस्तता के चलते वे संगठन की बागडोर संभालने को लेकर अनिच्छा जता चुके हैं। वहीं, भगत यूपी के वक्त से विधायक हैं। वरिष्ठता के चलते उनका दावा मजबूत माना जा रहा है, लेकिन उनकी उम्र आड़े आ रही है। भगत को संघ की पसंद माना जाता है। अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा अनुसूचित जाति का बड़ा चेहरा होने से मजबूत प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं।

Related Articles

Back to top button
Translate »