UTTARAKHAND

‘‘हिमालयी राज्यों में सामाजिक व आर्थिक रूपांतरण’’ विषय पर ऋषिकेश में दो दिवसीय कार्यशाला

परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में हो रहा है कार्यशाला का आयोजन

पंचायत राज विभाग,उत्तराखण्ड, ग्रामीण विकास मंत्रालय व नेशलन इंस्टीट्यूट आफ रूरल डेवलपमेंट एंड पंचायत राज द्वारा होगी कार्यशाला 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : ग्राम पंचायत विकास योजना अभियान के तहत ‘‘हिमालयी राज्यों में सामाजिक व आर्थिक रूपांतरण’’ विषय पर ऋषिकेश में दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की जाएगी। पंचायत राज विभाग,उत्तराखण्ड, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार व नेशलन इंस्टीट्यूट आफ रूरल डेवलपमेंट एंड पंचायत राज द्वारा 10 व 11 अक्टूबर को परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।

गुरूवार 10 अक्टूबर को मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, कार्यशाला का उद्घाटन करेंगे। उद्घाटन सत्र में उत्तराखण्ड के पंचायत राज मंत्री श्री अरविंद पाण्डे व भारत सरकार के पंचायत राज मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव श्री संजय सिंह व निदेशक, पंचायत राज उत्तराखण्ड श्री एच.सी.सेमवाल भी सम्बोधित करेंगे।

कार्यशाला के पहले दिन तीन तकनीकी सत्रों का आयोजन किया जाएगा। पहले तकनीकी सत्र में ‘ग्राम पंचायत विकास योजना निर्माण के लिए जन योजना अभियान’ विषय पर चर्चा की जाएगी। इसमें श्री संजय सिंह, अतिरिक्त सचिव, पंचायत राज मंत्रालय भारत सरकार, डा.बाला प्रसाद, विशेष सचिव (से.नि.), पंचायत राज मंत्रालय भारत सरकार व डा. ए.के.भंजा, एसोसिएट प्रोफेसर, एन.आई.आर.डी.पी.आर. प्रतिभाग करेंगे।

दूसरे तकनीकी सत्र में ‘‘हिमालयी राज्यों में जन योजना अभियान के माध्यम से विस्तृत जीपीडीपी प्राप्त करना’’ विषय पर चर्चा की जाएगी। इसमें डा.बाला प्रसाद, विशेष सचिव (से.नि.), पंचायत राज मंत्रालय भारत सरकार, श्री आलोक प्रेम नागर, संयुक्त सचिव पंचायत राज मंत्रालय, भारत सरकार, डा. राजीव बंसल, एसआईआरडी, हिमाचल प्रदेश द्वारा प्रतिभाग किया जाएगा। साथ ही जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखण्ड के सरपंचों व प्रधानों द्वारा अपने अनुभव साझा किए जाएंगे।

तीसरा तकनीकी सत्र ‘‘जीपीडीपी के साथ विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों का संमिलन (कन्वर्जेंस)’’ विषय पर आयोजित किया जाएगा। इसमें जीबी पंत इंस्टीट्यूट आफ हिमालयन एनवायरमेंट एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट के वैज्ञानिक डा. आरसी सुंदरियाल, सीआईटीएच, मुक्तेश्वर के डा. राज नारायण, डीआईएचएआर डीआरडीओ के डा. आनंद कुमार कटियार और पीसीआरआई भेल के पूर्व एजीएम डा. नरेश श्रीवास्तव, ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार में संयुक्त सचिव सुश्री लीना जौहरी, आयुष मंत्रालय में नेशनल मेडिकीनल प्लांट्स बोर्ड के सीईओ डा. तनुजा मनोज, इंडीयन इंस्टीट्यूट ऑफ सॉयल एंड वाटर कन्जरवेशन के निदेशक डा. चरण सिंह, वाडिया इंस्टीट्यूट के निदेशक डा. कलाचंद सैन,  हिमालयन फोरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक डा. एस.एस.सामंत व कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव श्री राजेश वर्मा प्रतिभाग करेंगे।

कार्यशाला के दूसरे दिन 11 अक्टूबर को चार तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएंगे। दूसरे दिन के पहले सत्र में ‘जन योजना अभियान की मॉनिटरिंग’ विषय पर चर्चा की जाएगी। इसमें पंचायत राज मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री आलोक प्रेम नागर, एनआईआरडीपीआर के एसोसिएट प्रोफेसर डा. सी. काठीरेसन, पंचायत राज मंत्रालय के श्री संजय कुमार जोशी व श्री मयंक खरबंदा द्वारा प्रतिभाग किया जाएगा।

दूसरे सत्र में ‘मिशन अन्त्योदय सर्वे रिपोर्ट के माध्यम से प्रमाण आधारित नियोजन’ विषय पर आयोजित होगा। इसमें ग्रामीण विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव डा. विश्वजीत बनर्जी, एनआईआरडीपीआर के एसोसिएट प्रोफेसर के एसोसिएट प्रोफेसर डा. सी. काठीरेसन व एनआईसी ग्रामीण विकास मंत्रालय के डा. प्रमोद शर्मा व श्री हरनव प्रतिभाग करेंगे।

तीसरे सत्र में ‘‘जीपीडीपी के माध्यम से आर्थिक विकास व सामाजिक रूपांतरण’’ विषय पर आयोजित होगा। इसमें पंचायत राज विभाग, उत्तराखण्ड के श्री विपिन कुमार, अनुपम हेरिटेज लेब प्रा.लि. के श्री अनुपम शाह, बकरी छाप प्रा.लि. के श्री मणि महेश अरोरा व एन.आई.आर.डी.पी.आर. के एसासिएट प्रोफेसर डा. ए.के.भंजा प्रतिभाग करेंगे।  

कार्यशाला के अंतिम तकनीकी सत्र में हिमालयी राज्यों में विस्तृत जीपीडीपी निर्माण से संबंधित मामलों पर समूह चर्चा आयोजित की जाएंगी। इसके अतिरिक्त जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, सिक्किम व अरूणाचल प्रदेश राज्यों द्वारा एक्शन प्लान की प्रस्तुति की जाएगी।

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