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देश के पहले हेलीकाप्टर सम्मेलन का देहरादून में हुआ आयोजन

‘‘हेलीकाप्टर के माध्यम से कनेक्टीवीटी में विस्तार’’ थीम पर आधारित था सम्मेलन
नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार, उत्तराखण्ड सरकार व फिक्की के संयुक्त तत्वाधान में हुआ आयोजन
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड में हर साल, सम्मेलन के आयोजन की घोषणा की
उड़ान योजना में चिन्हित स्थानों के लिए हेली सेवाएं देने पर राज्य सरकार, भारत सरकार से मिलने वाली सब्सिडी के अतिरिक्त सब्सिडी देगी

देवभूमि मीडिया ब्यूरो
उत्तराखंड में हेलीकाप्टर सेवाओं में भी काफी सम्भावनाएं हैं। मुख्यतः चार बातों पर फोकस करना होगा।
पहला, पर्वतीय क्षेत्रों में हेली सेवाएं बढ़ाने के लिए नियमों में क्या संशोधन करने की आवश्यकता है। दूसरा, एटीएफ टैक्स आदि में छूट सहित अन्य किस प्रकार के प्रोत्साहन दिए जाने की जरूरत है। उड़ान योजना में एटीएफ टैक्स केवल 1 प्रतिशत है।
तीसरा, सुरक्षा प्रबंधन
चौथा इन्फ्रास्ट्रक्चर।
प्रदीप सिंह खरोला, सचिव ,नागर विमानन मंत्रालय भारत सरकार

मुख्यमंत्री ने बताया कि इन्वेस्टर्स समिट के समय मुम्बई में फिल्मकारों के साथ बैठक की गई थी। फिल्म निर्माता श्री महेश भट्ट पहले रोमानिया में अपनी फिल्म की शूटिंग करना चाहते थे। हमने उन्हें उत्तराखण्ड आमंत्रित किया। वे यहां आए और बहुत से दूरस्थ क्षेत्रों तक घूम कर आए। वे यहां की प्राकृतिक सुंदरता से बहुत प्रभावित हुए। आतिथ्य उत्तराखण्ड के स्वभाव में है। देश-विदेश से बहुत से लोग, उत्तराखण्ड के दूरस्थ क्षेत्रों तक जाना चाहते हैं। परंतु उनके पास समय की कमी होती है। इसलिए यहां हेली सेवाओं की बहुत जरूरत है।
मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के निदेशक डा. संजीव चोपड़ा ने कहा कि हेली सेवाओं को एफोर्डेबल बनाने की चुनौति है। उन्होंने बताया कि अकादमी में तीन हेलीपेड पर व्यावसायिक सेवाएं प्रारम्भ करने की सैद्धांतिक स्वीकृति मिली है।
नागर विमानन मंत्रालय, भारत सरकार की संयुक्त सचिव सुश्री उषा ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में हेली कनेक्टीवीटी के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता है। टिहरी झील में सी-प्लेन संचालित करने के लिए वाटर ड्रोम विकसित किया जा रहा है।


