DEHRADUN
मौत और जिंदगी के बीच 131 किलोमीटर तक झूलती रही प्रसूता


देहरादून : 21 वीं सदी और डिजिटल इंडिया की बात करने वाले देश के उत्तराखंड राज्य के देहरादून जिले की चकराता तहसील के दुर्गम गांव बुरायला तक सड़क नहीं होने से एक प्रसूता की जान पर बन आई। जिसे उसके परिजन किसी तरह 14 किलोमीटर पैदल बांस के डंडों पर बांधकर पहले विकासनगर और उसके बाद देहरादून के महंत इंद्रेश हॉस्पिटल तक पहुंचा पाए यहाँ अस्पताल में महिला अभी भी जीवन के लिए संघर्ष कर रही है। यह हाल तो देहरादून जिले के उस सूरदूरवर्ती गांव का है जो राजधानी के जिला मुख्यालय से 131 किलोमीटर की दूरी पर है। राज्य के बाकि जिलों के सुदूरवर्ती उन गांवों का क्या हाल होगा इसका अंदाज़ा इस जीवन के लिए संघर्ष की बानगी से लगाया जा सकता है।
वह भी तब जब बरसात का मौसम होने के कारण क्षेत्र में कोहरा छाया हुआ था ऊपर से ठंड का सितम। उन्हें रीना को कंबल में लपेट कर मुख्य सड़क तक ले जाना पड़ा। इस दौरान रीना दर्द से कराहती रही। रोड हैड पर पहुंच परिजनों ने 108 एंबुलेंस सेवा को फोन किया। जो करीब एक घंटे के बाद मौके पर पहुंच सकी। इसके बाद परिजन रीना को करीब 72 किमी दूर सीएचसी विकासनगर ले कर पहुंचे, लेकिन यहां भी डॉक्टरों ने अधिक रकतस्राव होने के कारण रीना को हायर सेंटर रेफर कर दिया।Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur.