भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप के चलते किया गया बर्ख़ास्त
15-20 लाख रुपये के आय के स्रोत का नहीं लगा पता
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
नैनीताल । उत्तराखंड राज्य के अस्तित्व में आने के बाद पहली बार हाईकोर्ट की संस्तुति व राज्यपाल की मंजूरी के बाद शासन ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप जांच में सही पाए जाने पर काशीपुर की 2015 में निलंबित अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अनुराधा गर्ग को बर्खास्त कर दिया है।
जांच अधिकारी हरिद्वार जिला जज विवेक भारती की रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट ने अनुराधा को बर्खास्त करने की संस्तुति राज्यपाल को भेजी थी। राज्यपाल की मंजूरी के बाद दो रोज पहले प्रमुख सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी की ओर से बर्खास्तगी का आदेश जारी किया गया है।
गौरतलब हो कि अनुराधा गर्ग 2015 से निलंबित चल ही थीं। उच्च न्यायलय के मुख्य न्यायाधीश ने प्राथमिक जांच के आदेश दिए थे। अनुराधा 2008 की न्यायिक सेवा की अधिकारी थीं।
मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2015 में काशीपुर की एसीजेएम द्वारा देहरादून में 15-20 लाख की जमीन का सौदा किया तो इसके लिए हाई कोर्ट से अनुमति मांगी। हाई कोर्ट ने अनाम स्रोतों की इस आय का स्रोत पूछा तो उनके द्वारा जमीन मां के नाम पर खरीदने की जानकारी दी गई थी। तत्कालीन रजिस्ट्रार विजिलेंस द्वारा की गई प्रारंभिक जांच पड़ताल में इस आय के स्रोत का पता नही सका। यहां उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट की ओर से राज्य बनने के बाद अब तक अलग-अलग वजहों से चार न्यायिक अफसरों पर कार्रवाई की गई है।
उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल डीपी गैरोला ने मुख्य न्यायाधीश के निर्देश पर 27 मार्च को आदेश जारी कर एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) काशीपुर (ऊधमसिंह नगर) अनुराधा गर्ग को प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में अनियमितताएं व भ्रष्टाचार की बात सामने आने पर निलंबित कर दिया था।
मामले में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ज्यूडिशियल नरेंद्र दत्त को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था। उनकी ओर से की गई प्रारंभिक जांच के बाद 24 मार्च 2015 को रिपोर्ट चीफ जस्टिस के समक्ष पेश की गई।
रिपोर्ट में अनियमितता और भ्रष्टाचार की बात कही गई थी। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश के निर्देश पर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल डीपी गैरोला ने निलंबन आदेश जारी किए थे।राज्य बनने के 19 साल में पहली बार भ्रष्टाचार के मामले में न्यायिक अफसर को बर्खास्त किया गया है। अनुराधा 2008 की न्यायिक सेवा की अधिकारी थी। हाईकोर्ट के उच्च पदस्थ सूत्रों ने अनुराधा के बर्खास्त होने की पुष्टि कर दी है।