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नंदादेवी फतह करने को निकले लापता चार पर्वतारोहियों को वायु सेना ने रेस्क्यू कर निकाला सुरक्षित

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आठ का पर्वतारोहियों का अभी भी नहीं मिला सुराग
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बर्फीले तूफान के कारण नंदा देवी पीक अभियान रोका गया
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
पिथौरागढ़ : नंदा देवी अभियान को निकले और बार-बार बर्फीले तूफ़ान के चलते बेस कैंप में फंसे इंग्लैंड निवासी चार ट्रैकर्स को वायु सेना के हैलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाल लिया गया है। एक महिला ट्रैकर्स सहित चारों ट्रैकर्स नंदा देवी आरोहण दल में शामिल थे परंतु मौसम की खराबी के चलते चोटी आरोहण में नहीं गए थे।
वहीं सेना के हेलीकॉप्टर से नंदादेवी क्षेत्र में अब तक तीन बार चक्कर लगाया जा चुका है , लेकिन लापता पर्वतारोहियों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। नंदा देवी क्षेत्र में लगातार एवलांच (बर्फीला तूफान) आने के कारण रेस्क्यू अभियान चलाने में दिक्कत हा रही है। मौसम खराब होने से खोज एवं बचाव कार्य फिलहाल रोक दिया गया है। डीएम पिथौड़ागढ़ ने बताया मौसम ठीक रहा तो कल या फिर परसो अभियाने फिर शुरू किया जाएगा। वहीं आईटीबीपी का बचाव दल बेस कैम्प पहुंच चूका है।
रविवार हैलीकॉप्टर से बेस कैम्प से जरचे क्वैन 32 वर्ष पुत्र मिशेल क्वैन निवासी यूके, केट आर्मस्टान 39 वर्ष पत्नी मैथ्यू आर्मस्ट्रांग निवासी यूके, इयान बडे 45 वर्ष पुत्र एंथोनी बडे निवासी यूके और मार्क थॉमस 44 वर्ष पुत्र विलिसन निवासी यूके को बेस कैम्प से पिथौरागढ़ के सेना अस्पताल पहुंचा दिया गया है। इस अभियान में कुल 12 विदेशी पर्वतारोही और एक भारतीय लाइजनिंग ऑफिशर शामिल थे। जिसमें से आठ के बारे में फिलहाल पता नहीं चल पाया है।
आईटीबीपी को पोर्टर से मिली सूचना पर तीन पर्वतारोही सुरक्षित हैं और पांच एवलांच की चपेट में आए हैं। हालांकि इस बता की अभी पुष्टि नही हो सकी है।
गौरतलब हो कि हिमालयन रन एंड ट्रैक प्राइवेट लिमिटेड दिल्ली द्वारा संचालित नंदा देवी ईस्ट अभियान दस मई को नई दिल्ली से रवाना हुआ। इस दल में 12 सदस्य शामिल थे। जिसमें तीन यूके, तीन यूएसए, एक आस्ट्रेलिया का पर्वतारोही, एक भारतीय लाइजन ऑफिसर और चार पोर्टर शामिल थे।
मुनस्यारी से भी 16 पोर्टर्स और मजदूर दल का सामान पहुंचाने बेस कैंप तक गए थे। दल 13 मई को मुनस्यारी से नंदा देवी बेस कैंप को रवाना हुआ। 31 मई की सायं साढ़े पांच बजे अभियान प्रायोजित कर रही नई दिल्ली की संस्था ने जिला प्रशासन को विदेशी पर्वतारोहियों और भारतीय लाइजन ऑफिसर के लापता होने की सूचना दी। सूचना मिलते ही डीएम डॉ. वीके जोगदंडे ने आइटीबीपी, एसडीआरएफ आदि से सम्पर्क कर खोज एवं बचाव कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए।
वहीं डीएम की सूचना पर उत्तराखंड शासन द्वारा हेलीकॉप्टर से भी खोज एवं बचाव कार्य चलाने का निर्णय लिया।
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आइटीबीपी को एवलांच की पोर्टर ने दी थी पहली सूचना
आइटीबीपी के डीआइजी एपीएस निंबाडिया ने बताया खोज व बचाव को निकली आइटीबीपी टीम को रास्ते में पर्वतारोही दल में शामिल पोर्टर प्रेम लाल ने नंदा देवी में एवलांच आने की जानकारी दी थी। इसके बाद आइटीबीपी की 14वीं वाहिनी के उप कमान अधिकारी सुनील कुमार के नेतृत्व में रेस्क्यू तेज कर दिया गया। शनिवार रात सेटेलाइट फोन के जरिये बेस कैंप-दो में तीन सकुशल ठहरे पर्वतारोहियों से संपर्क भी स्थापित हो गया। सभी से बेस कैंप में ही रुकने को कहा गया था। पोर्टर के अनुसार पांच अन्य पर्वतारोही एवलांच की चपेट पर आए हैं। रविवार सुबह वायुसेना और आइटीबीपी हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू अभियान चलाया। जिसने बेस कैंप में फंसे इंग्लैंड निवासी चार ट्रैकर्स को वायु सेना के हैलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाल लिया है।
पर्वतारोहण के दल में ये पर्वतारोही थे शामिल
1. मार्टिन मोरेन-यूके टीम लीडर
2.जॉन मेकलर्न-यूके
3: रुपेर्ट ह्वेवेल-यूके
4. रिचर्ड प्याने -यूके
5. रूथ मैक्केन-आस्ट्रेलिया
6. एंथनी सूडेकम-यूएसए
7. रोलाल्ड बैमेल-यूएसए
8. आइएमए के लाइजन आफीसर चेतन पांडेय-अल्मोड़ा
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1939 से चल रहे हैं नंदा देवी फतह करने के अभियान
विश्व प्रसिद्ध नंदा देवी पीक आरोहण अभियान वर्ष 1939 से चल रहे हैं। प्रथम एवरेस्ट विजेता तेनजिंग नोर्के भी नंदा देवी आरोहण कर चुके हैं। मिली जानकारी के अनुसार दुनिया की सबसे ऊँची छोटी एवरेस्ट को फतह करने वाले देश -दुनिया के अधिकाँश पर्वतारोही नंदा देवी चोटी पर चढ़ चुके हैं। हालांकि 1967-68 में अमेरिका और भारत के संयुक्त अभियान में यहां पर रडार लगाने के लिए प्रयोग में आने वाले उपकरण भी नंदा देवी चोटी तक ले जाए जाने थे ताकि वहां से मौसम और अन्य जानकारियों प्राप्त की जा सके लेकिन ये उपकरण चोटी तक नहीं पहुंच पाए।
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नंदा देवी आरोहण के अब तक के प्रमुख अभियान