- कपाट खुलने की पावन बेला के साक्षी बनने पहुंचे हजारों तीर्थयात्री
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
बदरीनाथ धाम : शुक्रवार (आज ) अलसुबह बह्ममुहूर्त में सवा चार बजे भू वैकुंठ बदरीनाथ धामके कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुल गये हैं। स दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने कपाट खुलने पर बद्रीनाथ मंदिर के गर्भ गृह में छह माह से जल रही अखंड ज्योति दर्शन कर घृत कंबल का प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर देश-विदेश के हजारों तीर्थयात्रियों ने बदरीनाथ मंदिर के दर्शन किये। इतना ही नहीं धाम में श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला भी शुरू हो गया है।
बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम यात्राअब पूर्णत: शुरू हो गई है। इससे पूर्वगुरुवार को पांडुकेश्वर के योग ध्यान मंदिर से बदरीनाथ के रावल (मुख्य पुजारी) ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, नायब रावल शंकरन नंबूदरी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल और बदरीनाथ के वेदपाठी आचार्य ब्राह्मणों की अगुवाई में भगवान उद्धव व कुबेर जी की डोली के साथ ही आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी व तेल कलश यात्रा (गाडू घड़ा) दोपहर बाद बदरीनाथ धाम पहुंच चुका था। तीर्थयात्रियों ने रावल, शंकराचार्य गद्दीस्थल और गाडू घड़ा का फूल-मालाओं और बदरी विशाल के जयकारों के साथ स्वागत किया।
कपाट उदघाटन से पहले ये परंपराएं हुईं पूरी की गयी। रात सवा दो बजे ही मंदिर कर्मचारी ड्यूटी पर तैनात किये गये इसी दौरान सुबह सवा तीन बजे- बदरीविशाल के दक्षिण द्वार से भगवान कुबेर जी का प्रवेश हुआ जबकि सुबह ब्रह्ममुहूर्त में तीन से साढ़े तीन बजे- विशिष्ट व्यक्तियों का गेट नंबर तीन से मंदिर में प्रवेश कराया गया। तड़के पौने चार बजे बजे मंदिर के मुख्य पुजारी रावल जी व धर्माधिकारियों और वेदपाठियों का उद्धव जी के साथ मंदिर में प्रवेश हुआ। ब्रह्ममुहूर्त में सुबह पौने चार बजे रावल और धर्माधिकारियों द्वारा मंदिर के द्वार का पूजन कार्यक्रम संपन्न किया गया। इसके बाद सुबह सवा चार बजे श्रद्धालुओं के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट खोल दिए गए। कपाट खुलने की परम्परा के बाद अब आज पूर्वाह्न ग्यारह बजे से गर्भगृह में भगवान बदरीनाथ की पूजाएं होंगी शुरू हो जाएँगी , जो आगामी शीतकाल बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने तक अनवरत जारी रहेगी।