राजौरी के आईईडी ब्लास्ट में देहरादून के मेजर बिष्ट हुए शहीद

- आईईडी को डिफ्यूज करते समय हुए विस्फोट में दी शहादत
- सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मेजर बिष्ट की शहादत पर किया दुःख व्यक्त
- खुशियां बदल गयीं मातम में,सात मार्च को होनी थी शादी
देहरादून : पुलवामा में प्रदेश के सीआरपीएफ के दो जवानों की चिता की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि जम्मू-कश्मीर में एलओसी पर शनिवार को राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में पाकिस्तान की बार्डर एक्शन टीम (बैट) की ओर से बिछाई गई आईईडी को डिफ्यूज करते समय हुए विस्फोट से 21जीआर में तैनात सेना के मेजर चित्रेश बिष्ट शहीद हो गए। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मेजर बिष्ट की शहादत पर दुःख व्यक्त किया है।
मूलरूप से अल्मोड़ा जिले के पिपली निवासी मेजर चित्रेश बिष्ट उर्फ सोनू का परिवार देहरादून के नेहरू कॉलोनी में रहता है। उनके पिता एसएस बिष्ट रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर हैं। चित्रेश की आगामी सात मार्च को शादी होनी थी, इसके लिए कार्ड भी छप चुके थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार अगले माह मार्च में व उनकी शादी होने वाली थी। पारिवारिक लोगों से मिली जानकारी के अनुसार मेजर चित्रेश परिवार मऊ में ट्रेनिंग पूरी करने के बाद घर आया था और दो फरवरी को चित्रेश देहरादून से ड्यूटी पर गया था। पिता एसएस बिष्ट उसी दिन को याद कर रो रहे हैं। उन्होंने चित्रेश से कहा था कि वह अब तो शादी के लिए छुट्टी ले ले, लेकिन वो पोस्टिंग पर राजौरी चला गया। मेजर चित्रेश का जवाब था कि 28 फरवरी को वह वापस आकर शादी की बाकी तैयारियां पूरी कर लेगा।
मेजर चित्रेश को घर पर सब सोनू कहते थे। वह जनवरी माह में मऊ में ट्रेनिंग पर गया था। वहां से लौटते हुए वह कई दिन घर पर रुका था। दो फरवरी को वह घर से राजौरी में ड्यूटी के लिए निकल गया था। पिता एसएस बिष्ट ने बताया कि उस दिन उन्होंने चित्रेश से कहा था कि अब शादी को ज्यादा दिन नहीं बचे हैं, इसलिए छुट्टी का आवेदन कर दे। बावजूद इसके चित्रेश कश्मीर चला गया। मेजर चित्रेश की शादी को लेकर परिवार ने कई तरह के सपने संजोए थे, वे सब अब चकनाचूर हो गए हैं । चित्रेश एसएस बिष्ट के छोटे बेटे थे। उनका बड़ा बेटा नीरज बिष्ट ब्रिटेन में नौकरी करता है। नीरज की शादी 2016 में हो चुकी है। एसएस बिष्ट वर्ष 2016 में ही पुलिस से सेवानिवृत्त हुए थे और वर्तमान में पत्नी रेखा बिष्ट के साथ नेहरू कॉलोनी में रहते हैं। शहीद चित्रेश की मां का रो रोकर बुरा हाल है। दुखद समाचार सुन रिश्तेदार भी घर पर पहुंचना शुरू हो गए हैं।