जांबाज दोनों शहीदों को दी अश्रुपूरित आँखों से दी अंतिम विदाई शोक में बाजार रहे बंद

- उत्तराखण्ड की जनता दुःख की इस घड़ी में शहीद के परिवार के साथ
- राज्य सरकार करेगी शहीद के परिवारजनों का हर सम्भव सहयोग
- मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने दोनों शहीदों के घर पहुंचकर की सांत्वना
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून। पुलवामा हमले में शहीद हुए उत्तरकाशी के बनकोट गांव के जांबाज मोहन लाल रतूड़ी की अंतिम यात्रा में जन सैलाब उमड़ा। गम और आक्रोश के बीच देहरादून के विद्या विहार कॉलोनी से शहीद के पार्थिव शरीर की अंतिम यात्रा निकली। गमगीन माहौल में हरके की आंखों से आंसू छलक रहे थे तो आंतकवाद के खिलाफ आक्रोश भी कम नहीं था। सीएम त्रिवेंद्र रावत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह समेत कई प्रदेश के कई नेता अंतिम यात्रा में शामिल हुए। हरिद्वार के खड़खड़ी घाट पर सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया ।
पुलवामा हमले में शहीद मोहनलाल रतूड़ी का पार्थिक शरीर शनिवार सुबह साढ़े सात बजे देहरादून के विद्या विहार कॉलोनी स्थित उनके बड़े भाई के घर पर पहुंचा। तिरंगे में लिपटे ताबूत के अंदर पार्थिक शरीर जैसे घर पहुंचा तो घर में चीख-पुकार मच गई। पत्नी सरीता देवी और उनकी बेटियां खुद को नहीं संभाल पाई। उनकी आंखों से आंसूओं की पानी की धार जैसी निकल गई। नाते-रिस्तेदार की आंखें भी छलक गई। कुछ लोग परिजनों का धैर्य बंधा रहे थे। ताबूद के अंदर बंद पार्थिक शरीर को घर के बाद खाली स्थान अंतिम दर्शन के लिए रखा गया।
सीआरपीएफ के जवानों ने शहीद को सलामी दी। साढ़े नौ बजे सीएम त्रिवेंद्र रावत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, डीजीपी अनिल रतूड़ी, मसूरी विधायक गणेश जोशी, विधायक धर्मपुर विनोद चमोली, कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना समेत अन्य नेताओं ने शहीद के पार्थिक शरीर पर पुष्प अर्पित कर सलामी दी। इसके बाद हरिद्वार के लिए अंतिम यात्रा निकली।
- शोक में बंद रहे दून सहित आसपास के बाजार बंद
पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए सैनिकों के शोक में शनिवार को दून में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। दून उद्योग व्यापार मंडल के आह्वान पर व्यापारियों ने बाजार बंद किया। वहीं, बार एसोसिएशन देहरादून के वकील भी विधिक कार्यों से विरत रहे । बाजार बंद को 260 से ज्यादा सामाजिक संगठनों ने भी समर्थन दिया ।देहरादून पेट्रोल पंप वेलफेयर एसोसिएशन ने भी शहीद सैनिकों के शोक में पांच घंटे के लिए पेट्रोल पंप बंद रखा। एसोसिएशन की बैठक में अध्यक्ष आशीष मित्तल व महामंत्री सचिन गुप्ता ने कहा कि देहरादून, विकासनगर, मसूरी के पेट्रोल पंप सुबह नौ से दोपहर दो बजे तक बंद रखे गए।
- वीरेंद्र का पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही पूरा गांव रो पड़ा
शनिवार प्रातः वीरेंद्र का पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही पूरा गांव शोक में डूब गया। हजारों की भीड़ शहीद को श्रद्धांजलि देने उनके गांव पहुंची। काठगोदम सीआरपीएफ से 35 जवानों की बटालिन अंतिम सलामी को गांव पहुंची। मौजूद भीड़ के वीरेंद्र जिंदाबाद, वीरेंद्र अमर रहे के नारो से गांव गूंज गया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा विधायक पुष्कर सिंह धामी, पूर्व विधायक गोपाल सिंह राणा जिलाधिकारी डॉ नीरज खैरवाल, एसएसपी बरिंदर सिंह, एसडीएम विजय नाथ शुक्ला सीओ कमला बेस्ट, कोतवाल संजय पाठक आदि मौजूद रहे। इसके बाद शव यात्रा में सैकड़ों लोग पहुंचे। शहीद का अंतिम संस्कार गांव के ही प्रतापपुर नगला श्मशान घाट पर किया गया। शहीद के ढाई वर्षीय पुत्र बयान. भतीजे कमल सिंह, राहुल, पुष्पेंद्र, पंकज मुखाग्नि दी।
- शहीद बीरेंद्र का गांव गमजदा
सीआरपीएफ के जवान बीरेंद्र राणा की शहादत की सूचना से उधमसिंह नगर जिले के मोहम्मदपुर भुड़िया गांव में गुस्सा व मातम का माहौल रहा । शहीद के साथी ने परिजनों को शहादत की जानकारी दी, जिसके बाद पूरा गांव गमजदा रहा । परिजनों को सांत्वना देने के लिए लोग उमड़ रहे हैं। लोग भारत सरकार से आतंकियों को जल्द सबक सिखाने की मांग कर रहे हैं।
खटीमा से 18 किलोमीटर दूर है मोहम्मदपुर भुड़िया गांव। 80 वर्षीय किसान दीवान दीवान सिंह राणा के तीन बेटों में सबसे छोटे बीरेंद्र राणा (35) आतंकी हमले में शहीद हुए हैं। बीरेंद्र गांव के स्कूल से दसवीं पास करने के बाद 2004 में सीआरपीएफ में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हो गए थे।
वर्तमान में वह श्रीनगर क्षेत्र में तैनात थे। दीवान ङ्क्षसह के सबसे बड़े बेटे जयराम ङ्क्षसह बीएसएफ से दो साल पहले सेवानिृवत्त हो चुके हैं। वहीं मझले पुत्र राजेश खेती करते हैं। बीरेंद्र शहादत से दो दिन पहले ही 20 दिन की छुट्टी बिताकर लौटे थे।
गुरुवार को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवंतीपोर के पास गोरीपारा में हुए आंतकी हमले की खबर गांव पहुंची तो परिजन ङ्क्षचतित जरूर थे, लेकिन उम्मीद थी कि उनका बेटा सकुशल है। जैसे-जैसे दिन ढलता गया घर पर लोगों के कुशलक्षेम पूछने को फोन घनघनाने लगे। रात्रि में ही गांव वालों को शहादत का पता चल गया, लेकिन परिजन को इस पर विश्वास नहीं हो रहा था। शुक्रवार की सुबह आठ बजे बीरेंद्र की पत्नी रेनू के पास फोन आया। कॉलर ने खुद को बीरेंद्र का दोस्त प्रेम बता कहा कि वह कल घर आएगा। दोस्त बीरेंद्र ने देश के लिए कुर्बानी दी है। इतना सुनते ही पत्नी गश खाकर वहीं गिर पड़ी। बीरेंद्र का ढाई वर्षीय बेटा बयान ङ्क्षसह व चार वर्षीय बेटी रुई है।
- मुख्यमंत्री ने पुलवामा आतंकी हमले में शहीद मोहन लाल और बीरेंद्र को श्रद्धांजलि दी
