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मेरे खौफ से आज भी नहीं उबर पाए हैं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत : डॉ. हरक

  • हरीश रावत ऐसा अनर्गल प्रलाप न करें जो उल्टा उनके ही गले पड़े
  • तीन साल बाद भी हरीश रावत  के सिर पर है मेरा साया 
  • फारेस्ट गार्ड भर्ती प्रकरण उन्ही के समय में भेजा गया था आयोग 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून  : सूबे के वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत बुधवार को एक बार फिर पूरी रौ में नज़र आये। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि वे आज तीन साल बाद भी शायद मेरे ख़ौफ़ से उबर नहीं पाये हैं यही कारण है कि कभी वे कहते हैं मेरे व मुख्यमंत्री के सम्बंध खराब हैं तो कभी वन विभाग पर ऐसी बयानबाजी कर मुद्दे खड़े करने की कोशिश में लगे रहते हैं। ताकि वे समाचारों की सुर्ख़ियों में बने रहें।

उन्होंने कहा मैं फिर से उनकी याददाश्त ताजा करा दूँ कि उनके मुख्यमंत्री काल में ही फारेस्ट गॉर्ड की भर्तियां उनके द्वारा ही आयोग को भेजी गई थी जिसमें उम्र 24 वर्ष रखी गयी थी व विज्ञानवर्ग जरूरी किया गया था। लेकिन तब उनकी सरकार इस पर चुप्पी क्यों साधे रही उन्हें इसका जवाब देना चाहिए।

उन्होंने आज यहां पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के विगत दिन वन विभाग में फारेस्ट गार्ड भर्ती प्रकरण पर चुटकी लेते हुए दिए गए  बयान पर वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने कहा है कि तीन साल बाद भी हरीश रावत जी को मेरे साये से निजात नहीं मिल पा रहा है शायद तभी वह ऐसा अनर्गल प्रलाप और विलाप करते नजर आ रहे हैं।

डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि इस प्रकरण को मैंने न सिर्फ प्राथमिकता के आधार पर लिया बल्कि उत्तराखण्ड के पहाड़ी जनपदों के विद्यालयों के हिसाब से भी लेकर आयोग से दुबारा इस फ़ाइल को मंगवाकर उस पर संसोधन करवाते हुए जहां उम्र सीमा 24 से बढ़ाकर 28 वर्ष की वहीं इसे सिर्फ विज्ञानवर्ग तक सीमित न रखकर आम उन अभ्यर्थियों के लिए भी रखवा दिया है। अब इंटर पास कोई भी अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल हो सकता है।

उन्होंने कहा जहां तक इस परीक्षा का सवाल है वह पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की सरकार के कार्यकाल में आयोग को भेजा गया था मेरे द्वारा तो इस पर संशोधन करते हुए पुनः इसे आयोग को भेजा गया है इसलिए मेरा हरीश रावत जी से आग्रह है कि वे ऐसे अनर्गल प्रलाप न करें जो उल्टा उनके गले पड़ें।

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