CAPITAL
राज्य को मिला देश का पहला डाटा सेंटर

- डाटा बेस हाई टेक टेक्नोलॉजी पर है स्थापित
- सेंटर पूरी तरफ से ग्रीन डाटा सेंटर होगा
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : उत्तराखंड को देश का पहला लेटेस्ट टेक्नोलॉजी वाला डेटा सेंटर मिल गया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज डेटा सेंटर का शुभारंभ किया। खास बात ये हैं कि स्टेट डेटा सेंटर प्रदेश की कई सालों तक की डाटा स्टोरेज की जरूरत को पूरा करेगा और ये पूरी तरह से हाई टेक्नोलॉजी पर स्थापित किया गया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को देहरादून में देश के पहले एचसीआई टेक्नोलाॅजी स्टेट डाटा सेन्टर का उद्घाटन किया। उत्तराखण्ड सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) द्वारा विकसित यह 3-टियर राज्य डाटा सेन्टर है। यह 100 प्रतिशत साफटवेयर आधारित हाईपर कन्वर्जड इन्फ्रास्ट्रक्चर (एचसीआई) तकनीक युक्त देश का पहला डाटा सेन्टर है। इसमें 105 टैराबाईट फार्म है जिसे कि 12 पेटाबाईट तक विस्तारित किया जा सकता है। इसमें सभी नागरिक केंद्रित सेवाओं की उपलब्धता है।
आईटी पार्क सहस्त्रधारा रोड़ स्थित आईटीडीए में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने राज्य में स्टेट डाटा सेन्टर को निश्चित समय सीमा से पूर्व कुशलतापूर्वक स्थापित करने के लिए राज्य की सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी की टीम को बधाई देते हुए कहा कि सरकारी परियोजनाओं को निश्चित समय सीमा के भीतर आरम्भ व समाप्त करना आवश्यक है। हमें इस तरह की व्यवस्था विकसित करनी होगी की सरकारी काम निश्चित समय सीमा में पूरे हो। इससे हमारे सिस्टम की कमियां भी दूर होगी। प्रयास किए जा रहे है कि हर विभाग के बजट का एक निश्चित भाग आईटी व तकनीकी विकास पर लगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को स्टेट डाटा सेन्टर की बहुत समय से प्रतीक्षा थी। आज जिस तकनीकी के प्रयोग से यह स्टेट डाटा सेन्टर स्थापित किया गया है वह अत्याधुनिक व ग्रीन टैक्नाॅलाॅजी आधारित है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने अपेक्षा की कि स्टेट डाटा सेन्टर को
शीघ्र ही सोलर एनर्जी से जोड़े जाने के प्रयास किए जाएगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शीघ्र ही सभी सरकारी भवनों में सोलर एनर्जी के उपयोग पर कार्य करने जा रही है। उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक स्टेट डाटा सेन्टर की स्थापना से राज्य को निश्चित रूप से लाभ होगा। सरकार के सभी विभागों की जानकारियां एक ही स्थान पर उपलब्ध होगी तथा इसके साथ ही हमारे कार्यो में गति तेज होगी तथा ऊर्जा की बचत होगी। यह राज्य सरकार के विभिन्न विभागों को सभी प्रकार की सुरक्षित, विश्वसनीय, कुशल व हर समय उपलब्ध रहने वाली डिजिटल सेवाएं प्रदान करेगा। यह प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने में अहम भूमिका निभाएगा। स्टेट डाटा सेंटर के स्थापित होने से डिजिटल क्षेत्र में अपार संभावनाएं खुलने की आशा है।

आईटीडीए द्वारा जानकारी दी गई कि उत्तराखण्ड स्टेट डाटा सेन्टर एक स्तरीय (3 टियर) संरचना है। यह हाइपर कन्वर्जेन्ट टेक्नोलाॅजी (एचसीआई) पर निर्मित नवीनतम तकनीक पर आधारित हैं। इसे बिजली के उपयोग को कम करने व बिजली दक्षता बढ़ाने हेतु ग्रीन कांसेप्ट पर विकसित किया गया हैं। इस स्टेट डाटा सेन्टर के माध्यम से सभी नागरिक केन्द्रित सेवाएं सुलभ होंगी। बुनियादी ढांचे के निर्माण पर खर्च होने वाले समय व धन की बचत होगी। सरकारी खजाने पर बोझ कम होगा। विभिन्न सरकारी विभागों के आॅनलाइन डेटाबेस को एक ही स्थान पर एकीकृत करने में सहायता मिलेगी। सरकारी विभाग नागरिक सेवाओं का लाभ आमजन के मध्य अधिक सुगमता से पहुंचा सकेंगे। यह विभिन्न विभागों के लिए एक काॅमन डाटा सेन्टर है, जिसके माध्यम से विभाग अपनी आईटी जरूरतें सामान्य निजी कलाउड पर पूरी कर सकते है। आधुनिक बायोमेट्रिक प्रणाली एवं 24ग्7 सीसीटीवी निगरानी स्टेट डाटा सेन्टर को और भी अधिक सुरक्षित व विश्वसनीय बनाते है।
इस अवसर पर विधायक श्री गणेश जोशी, मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश, सचिव श्री आर के सुधांशु, निदेशक आईटीडीए श्री अमित सिन्हा उपस्थित थे।