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”ख़ास ”की कोठी और उस पर हटा और फिर लगा ”लाल” निशान

  • अपनों पर करम और गैरों पर जुल्म : अतिक्रमण की कहानी 
  • सवालों से घेरे में घिरा अतिक्रमण अभियान

DEHRADUN : हाईकोर्ट के आदेश पर हटाए जा रहे अभियान की मार का असर पूरी अस्थायी राजधानी में दिखाई दे रहा है।  कहीं लोग खुद का अतिक्रमण हटा रहे हैं तो कहीं सरकारी तंत्र अतिक्रमण पर जेसीबी चला रहा है। ऐसे में एक कोठी है जो शहर के सबसे पुरानी बसावट कालिदास मार्ग पर है कोठी कुछ खास इसलिए है कि जहाँ प्रशासन आम लोगों के अतिक्रमण पर गरम दिखाई दे रहा है तो वहीँ इस कोठी और कोठी में रहने वाले जनाब पर वह कुछ ज्यादा ही नरमी बरते हुए नज़र आ रहा है। 

चर्चा है कि बीते दो दिन पहले अतिक्रमण को लेकर नाप-जोख करने वाली टीम ने इसकी बाउंड्री वाल पर अतिक्रमण का वह लाल निशान लगाया था जिसे कोठी के भीतर के प्रभावशाली नवाब के दबाव में मिटाने का प्रयास किया गया है लेकिन उस लाल निशान के निशान  आज भी उस दिवार पर साफ देखा जा सकता है जो दो दिन पहले लगाया गया था। वहीँ मीडिया में कोठी पर लगे लाल निशान को हटाए जाने की ख़बरों के बाद अतिक्रमण पर लगायी गयी टीम ने एक बाद फिर कोठी की बाउंड्री और गेट पर लाल निशान लगा दिया जिससे मामला एक बार फिर गरमा गया है। 

मामला सूबे की ब्यूरोक्रेसी से जुड़े एक चर्चित नवाब अधिकारी से जुड़ा हुआ है जिसके आका को सरकार ने अस्थायी राजधानी से अतिक्रमण हटाने का जिम्मा दिया हुआ है।एक कहावत यहाँ सटीक बैठती है कि ”जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का” कालिदास रोड की इस कोठी में रहने वाले नवाब और अतिक्रमण हटाने के लिए बनायीं गयी कमेटी के चैयरपरसन का पिछले कई सालों से चोली दमन का साथ रहा है यह सर्वविदित भी है।  क्योंकि कई सारे विभागों का जहाँ ये नवाब अधिकारी आका है  वहीँ  ये चर्चित अधिकारी चेला।  

अतिक्रमण हटाने के लिए उच्च  न्यायलय के निदेशों के बाद  जहाँ देहरादून नगर की सड़क से लगती अधिकाँश दीवारों पर अतिक्रमण का डंडा चल रहा है।  इस चर्चित कोठी की दिवारों पर भी अतिक्रमण का लाल निशान लगाया गया क्योंकि नाप-जोख वाली टीम को इस दिवार पर अतिक्रमण नज़र आया तो उसने वहां ”लाल ” निशाँन लगा दिया इसके बाद आस पास के लोगों के अतिक्रमण पर भी निशान लगाए गए कुछ ने तो स्वयं ही अपने अतिक्रमण तोड़ने शुरू कर दिए, जिसमें विधायक गणेश जोशी ने भी अपने घर के मुख्य गेट के अतिक्रमण की जद में आने के चलते खुद ही तोड़ डालते हुए खुद ही हीरो बनने का नाटक रचा, आस पास के लोगों का कहना है जब विधायक ने ही अतिक्रमण किया हुआ है तो आम जन को वे क्या सन्देश देंगे। लेकिन कोठी के भीतर  वाला कुछ ”ख़ास” था सो उसने दिवार पर लगे निशाँन को ही अपने नौकरों से साफ़ करवाने की पूरी कोशिश की लेकिन वह साफ़ नहीं हुआ। आस-पास के लोगों में इस निशान को मिटाये जाने के प्रयास से आक्रोश व्याप्त है कि जब सबके अतिक्रमण तोड़े जा रहे यहीं तो ऐसे में ”ख़ास” नवाब पर मेहरबानी आखिर क्यों ?  

devbhoomimedia

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