बदला जाएगा 600 वर्ष पुराना भगवान बदरी विशाल के विग्रह मूर्ति का छत्र
- श्रीबद्रीनाथ धाम के इतिहास में इस बार 9 मई का दिन होगा ऐतिहासिक
श्री बद्रीनाथ धाम : नौ मई का दिन यानि आने वाला बुधवार बदरीनाथ मंदिर के लिए एक नायाब तोहफा मिलने वाला होगा वहीँ यह दिन यहाँ के इतिहास के पन्नों में भी दर्ज भी होगा। क्योंकि इस दिन बदरीनाथ मंदिर के गर्भ गृह में स्थित भगवान बदरी विशाल के विग्रह का 600 वर्ष पुराना छत्र बदला जायेगा। लुधियाना (पंजाब) के ‘मुक्त परिवार’ को भगवान की सेवा का यह सौभाग्य प्राप्त हुआ है। छत्र बदलने का मुहूर्त श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से मुक्त परिवार को बता दिया गया है। समिति और मुक्त परिवार की ओर से छत्र बदलने के लिये सभी तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं। खास बात यह है कि नौ मई को इस ऐतिहासिक घटना के गवाह बनने के लिये देश-विदेश से कई उद्योगपति व साधु -संत भी बदरीनाथ धाम पहुंच रहे हैं।
लुधियाना के मुक्त परिवार के प्रतिनिधि सौरभ मदान इसी सिलसिले में देहरादून आये हुये हैं। देहरादून में नवोदय टाइम्स/पंजाब केसरी के संवाददाता से बातचीत में उन्होंने बताया कि भगवान बदरीविशाल की सेवा का मौका मिलने से उनका परिवार बेहद उत्साहित है और खुद को सौभाग्यशाली मानता है। उन्होंने बताया कि मुक्त परिवार के दादा गुरू मुक्त जी ने वर्ष 1918 में बदरीनाथ धाम की यात्रा की थी। उनकी इस यात्रा के 100 वर्ष पूरे होने पर उनका परिवार इस वर्ष महर्षि मुक्त बदरीनाथ यात्रा शताब्दी मना रहा है।
इसी परिवार के सदस्य डा. ज्ञानेश्वर सूद ने पिछले वर्ष अक्टूबर में बदरीनाथ की यात्रा की थी और मंदिर समिति से मंदिर में नया छत्र चढ़ाने की अनुमति मांगी थी। अनुमति मिलने के बाद मथुरा में शुद्ध 24 कैरेट सोने का यह छत्र तैयार करवाया गया। सोने के इस छत्र पर हीरा, पन्ना समेत कई अन्य बेशकीमती रत्न जड़े हुये हैं। इसका कुल वजन 3.5 किलोग्राम है। छत्र को बनाने में कारीगरों ने कुल पांच माह का समय लिया। बीते 7 अप्रैल को लुधियाना में इस छत्र का अनावरण समारोह धूमधाम से मनाया गया, जिसमें देश के कई प्रतिष्ठित साधू-संत मौजूद रहे।
अब नौ मई को गुरू सदगुरू देव संत प्रतिमा महाराज के सानिध्य में यह छत्र विधिविधान के साथ बदरीनाथ मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित कर दिया जायेगा। छत्र नौ मई को ही विशेष हेलीकाप्टर के जरिये बदरीनाथ लाया जायेगा। लगभग 300 यात्री लुधियाना से बदरीनाथ पहुंच रहे हैं। वर्तमान में जो छत्र भगवान बदरीनाथ के विग्रह के ऊपर मौजूद है उसे मध्यप्रदेश की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने चढ़ाया था।