किल्मोड़े से बनी औषधि से बनी डायबिटीज दवा को मिला पेटेंट
नैनीताल : किल्मोड़े के पौधों की जड़ों और फल से भविष्य में डायबिटिज की दवा तैयार होगी। कुमाऊं विश्व विद्यालय के बॉयोटेक्नोलॉजी विभाग ने इस दवा को बनाने और इसके सफल प्रयोग के बाद इसका पेटेंट अमेरिका के इंटरनेशनल पेटेंट सेंटर से प्राप्त कर लिया है। यह पहला पेटेंट है जिसको कुमायूं विश्व विद्यालय ने अपने स्थापना काल के बाद हासिल किया है। विश्व विद्यालय को यहाँ सफलता बॉयोटेक्नोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. वीना पाण्डे के निर्देशन में मिली है।
प्रोफ़ेसर पाण्डे के उनके द्वारा वर्ष 2011-12 में बॉयोटेक विभाग ने सेंट्रल फॉर सेलुलर एंड मोल्यूक्यूलर बॉयोलॉजी हैदराबाद के पूर्व निदेशक व बीएचयू के प्रो. जीपी दूबे तथा बनारस हिन्दू विवि के पूर्व कुलपति डॉ. लालजी सिंह द्वारा किल्मोड़ा वानस्पतिक नाम ”बरबरीफ एरीसटाटा” पर शोध शुरू किया था । इस दौरान नैनीताल के अयारपाटा क्षेत्र से किल्मोड़ा के सैंपल लिए गए। जिनका चूहों पर प्रयोग किया गया जो सफल रहा। इसके बाद इंसान को भी किल्मोड़ा से बनी एंटी डायबिटीज दवा दी गई, जो कारगर रही। इसके बाद पेटेंट की प्रक्रिया आरंभ की गई। हाल ही में अमेरिका की संस्था इंटरनेशनल पेटेंट सेंटर द्वारा एंटी डायबिटीज दवा का पेटेंट विश्व विद्यालय को दिया गया।
प्रो. पाण्डे बताती हैं कि अब विश्व विद्यालय किल्मोड़ा के टीश्यू कल्चर पर भी काम कर रहा है। इससे बाद किल्मोड़े के एक पेड़ से कई पेड़ बन सकेंगे । उन्होंने बताया कि पहाड़ में किल्मोड़ा बहुतायात में पैदा होने वाले किल्मोड़े को जिस तरह से उजाड़ा जा रहा है, उसकी भरपाई यह टीश्यू कल्चर से तैयार हुए पौधे करेंगे। उन्होंने बताया कि पर्वतीय क्षेत्र में बंजर जमीन की घेराबंदी के लिए भी किल्मोड़ा बाड़ के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है। किल्मोड़ा के तने का उपयोग दवा के उपयोग कई तरह की बीमारियों के इलाज में पहाड़ में होता रहा है।
कुमाऊं विश्व विद्यालय के बॉयोटेक्नोलॉजी विभाग की डीन प्रो. वीना पाण्डे अब तक सात रिसर्च प्रोजेक्ट प्रोजेक्ट में काम कर चुकी है, जिसमें से पांच पूरे हो चुके हैं। इनको उत्कृष्ट रिसर्च के लिए दो बार गवर्नर्स अवार्ड भी मिल चुका है। कुलपति प्रो. डीके नौडियाल, डीन साइंस प्रो बीआर कौशल, प्रो राजीव उपाध्याय, प्रो. सतपाल बिष्टï, डॉ. महेंद्र राणा समेत अन्य ने उनकी इस उपलब्धि पर ख़ुशी जताई है।
वहीँ पेटेंट मिलने से खुश कुमाऊं विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो. डीके नौडियाल का कहना है कि किल्मोड़ा से एंटी डायबिटीज दवा का पेटेंट मिलना विवि के लिए बड़ी उपलब्धि है। उम्मीद है अन्य विभागों के प्राध्यापक भी डॉ. वीना पाण्डे की तरह अपने विषय में उत्कृष्ट शोध कर विश्व विद्यालय का नाम रोशन करेंगे।