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हंस फाउंडेशन को वापस मिला ‘गढ़वाल इंग्लिश मीडियम स्कूल’ का कब्जा 

मसूरी के सैंजी गांव निवासी कुंवर सिंह चौहान ने कर दिया था स्कूल पर कब्ज़ा 

मसूरी: नैनीताल हाई कोर्ट के फैसले के बाद मसूरी के खार्सी तोक में स्थित गढ़वाल इंग्लिश मीडियम स्कूल का कब्जा हंस कल्चर सेंटर को वापस मिल गया। जिस पर 2012 में सैंजी गांव निवासी कुंवर सिंह चौहान ने अपना मालिकाना हक जताते हुए कब्जा कर लिया था। इसके बाद ये मामला न्यायालय में चला गया था।

देश भर में स्वास्थ्य-शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रही संस्था ‘हंस कल्चर सेंटर’ और ‘हंस फाउंडेशन’  उत्तराखंड के दूरगामी क्षेत्रों में शिक्षा की अलख जगाने के लिए कई स्कूलों को गोद लेकर गरीब छात्र-छात्राओं के भविष्य निर्माण में अहम भूमिका निभा रहा है। इस लीक में मसूरी स्थिति गढ़वाल इंग्लिश मीडियम स्कूल की जिम्मेदारी भी हंस फाउंडेशन के पास थी। लेकिन इस स्कूल पर 2012 में मसूरी के सैंजी गांव निवासी कुंवर सिंह चौहान ने अपना मालिकाना हक जताते हुए कब्जा कर लिया था। जबकि इस स्कूल के मालिकाना हक हंस फाउंडेशन के पास था। इस हक को पाने के लिए हंस फाउंडेशन ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। जिसके बाद एक कानूनी लड़ाई के बाद कोर्ट ने हंस फाउंडेशन के हक में फैसला सुनाया और बीती दो मई को नैनीताल हाईकोर्ट ने एसडीएम धनोल्टी डीएस नेगी को आदेश दिया था कि एक सप्ताह के भीतर कुंवर सिंह चौहान से लेकर स्कूल का कब्जा हंस फाउंडेशन को दिलाए।

इसी आदेश का पालन करते हुए तहसीलदार धनोल्टी महावीर प्रसाद सैलानी और  थानाध्यक्ष कैंपटी मनोज नेगी  ने स्कूल का कब्जा हंस कल्चर सेंटर दिल्ली के सचिव चंदन सिंह भंडारी और प्रतिनिधि दिनेश कंडारी की मौजूदगी में  हंस फाउंडेशन को दे दिया । 

इस मौके हंस कल्चर सेंटर के सचिव चंदन सिंह भंडारी ने न्यायालय का आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह सच्चाई की जीत हैं। क्योंकि माता मंगलाजी एवं भोलेजी महाराज जिस तरह से असंख्य जरूरतमंदों की  निस्वार्थ भावना से सेवा कर रहे हैं। उनकी भावनाओं के साथ कोई भी धोखा नहीं कर सकता, यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि माताजी-महाराजजी सेवा कार्यों के साथ आगे बढ़ रहे हैं। उनकी सेवाओं का परिणाम है कि आज हमें न्यायालय से न्याय मिला हैं, और अब हम माताजी-महाराजजी की प्रेरणा से इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य निर्माण में बेहतर काम कर पाएंगे। 

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