आसन वेटलैंड में इस बार देश-विदेश के 61 प्रजाति के 6008 परिंदे प्रवास पर

- बर्ड फ्लू के मद्देनज़र विदेशी पक्षियों पर रखी जा रही है नज़र
देहरादून : उत्तराखंड और हिमाचल की सीमा से लगता हुआ आसन बैराज इन दिनों देशी और विदेशी लगभग 61 प्रजातियों के करीब 1700 बहुरंगी पक्षियों का बसेरा बना हुआ है । जिन्हें देखने के लिए दूर-दूर से बर्ड वाचर और सैलानी यहां पहुंच रहे हैं। गौरतलब हो कि आसन बैराज दो नदियां – आसन और यमुना के संगम पर स्थित है। यह वेट लैंड बैराज में लगभग 4 वर्ग किलोमीटर में फैली भूमि है, जो आसन नदी से भरी जाती है। जो पक्षियां यहाँ दिखाई देती हैं उन्हें आईयूसीएन की रेड डाटा बुक (प्रकृति के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ) द्वारा लुप्तप्राय प्रजातियों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
सर्दियों के मौसम के दौरान विभिन्न हिमालय पार करते हुए साइबेरिया आदि सुदूर वर्ती देशों से ये प्रवासी पक्षी यहां आराम करने हर वर्ष आते रहे हैं।वर्तमान में देश के पहले बर्ड कंजर्वेशन रिजर्व आसन वेटलैंड में देश-विदेश के 61 प्रजाति के 6008 परिंदे प्रवास कर रहे हैं। इन परिंदों की विधिवत गणना के बाद अपर प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव डॉ. धनजंय मोहन ने जानकारी देते हुए बताया कि दी। चकराता वन प्रभाग की लोकल गणना में आसन वेटलैंड क्षेत्र में 55 प्रजाति के 5300 देशी-विदेशी परिंदे प्रवास पर पाए गए थे।
वहीँ दिल्ली और पंजाब में बर्ड फ्लू के कई मामले सामने आने के बाद चकराता वन प्रभाग की टीम लगातार गश्त के दौरान इन परिंदों पर नजर रख रही है। रेंजर भी दूरबीन से परिंदों की गतिविधियां चेक कर रहे है, ताकि बर्ड फ्लू के लक्षण दिखायी देने पर कार्रवाई की जा सके। लेकिन यह संतोषजनक बात है कि अभी तक आसन वेटलैंड में प्रवास पर आए परिंदों में इस तरह के कोई लक्षण नहीं दिखाई दिए हैं और यहाँ आये प्रवासी पक्षी पूरी तरह से स्वस्थ पाए गए हैं।
अपर प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव के नेतृत्व में दस सदस्यीय विशेषज्ञ टीम ने इनकी विधिवत गणना की। गणना के अनुसार वेटलैंड क्षेत्र में 61 प्रजाति के 6008 परिंदे प्रवास कर रहे हैं। यह संख्या बीते वर्ष की गणना से लगभग एक हजार अधिक है। इसे वेटलैंड क्षेत्र के लिए शुभ संकेत माना जा रहा है। इस मौके पर प्रभागीय वनाधिकारी दीपचंद आर्य, आसन रेंजर जवाहर सिंह तोमर, वन बीट अधिकारी प्रदीप सक्सेना, प्रीतम तोमर आदि मौजूद रहे।