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सचिवालय में मीडियाकर्मियों के प्रतिबंध पर मुख्य सचिव की गोलमोल सफाई

- सरकार जो जानकारी मीडिया को देगी वही उसको प्रकाशित करनी होगी !
- मुख्यसचिव ने कहा अधिकृत सूचना देने को शासन प्रतिबद्ध

गौरतलब हो कि बीती 27 दिसंबर को मुख्यसचिव द्वारा गोपन विभाग की ओर से सभी अपर मुख्य सचिव ,प्रमुख सचिव और विभागीय सचिवों सहित प्रभारी सचिवों को अनुभागों में अनधिकृत व्यक्तियों व मीडिया के लोगों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। आपके लोकप्रिय समाचार न्यूज़ पोर्टल देवभूमि मीडिया डॉट कॉम ने सबसे पहले तीन जनवरी 2018 को इस खबर को सामने लाया इसके बाद शासन और प्रशासन में हंगामा मच गया। इसके बाद गुरुवार को शासन को इसपर अपनी सफाई देनी पड़ी।
गौरतलब हो कि 27 दिसम्बर के आदेश में कहा गया था कि मंत्रिमंडल की बैठक में आने वाले कई कई प्रकरण पहले ही मीडिया में प्रकाशित और प्रसारित हो जाते हैं। इससे गोपनीयता भंग होने की बात कहते हुए सचिवों को सचिवालय मैनुअल का पालन सुनिश्चित करते हुए अनुभागों में मीडिया कर्मियों व अनधिकृत लोगों और मीडिया के प्रवेश को प्रतिबंध्ति करने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने इस आदेश पर गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि अनाधिकार प्रवेश को प्रतिबन्ध संबंधी आदेश सामान्य प्रकृति का है। लेकिन यह नहीं कहा कि उन्होंने मीडिया को प्रतिबंधित किया गया है। उन्होंने इस सवाल का भी कोई जवाब नहीं दिया जब मंत्री खुद ही अगली मंत्रिपरिषद में होने वाले फैसलों की जानकारी खुद ही मीडिया को दे देते हैं तो इसमें मीडिया का कहाँ दोष ? जबकि उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि मंत्रिपरिषद के सदस्य गोपनीयता की शपथ लेते हैं। इसलिए किसी विषय पर चर्चा या कोई निर्णय होने से पहले उसका सार्वजनिक हो जाना उचित नहीं है। इसलिए सचिवों को ऐहतियात बरतने को कहा गया। मुख्यसचिव के बयान का साफ़ अर्थ है कि मीडिया को वही प्रकाशित करना होगा जो जानकारी सरकार उसे उपलब्ध करवाएगी।
उन्होंने बताया कि अधिकृत सूचना देने की व्यवस्था की जा रही है। सूचना महानिदेशक प्रतिदिन चार बजे शासन में लिये जाने वाले फैसलों के संबंध् में जानकारी देंगे। इससे अधिकृत सूचना मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा एवं रोजगार जैसे विषयों पर विशेष फोकस कर रही है। अवस्थापना से संबंधित बड़ी योजनाओं की जानकारी भी समय-समय पर मीडिया को दी जाती है। धरातल पर से होने वाली रिपोर्टिंग की भी सरकार संज्ञान लेती है।
कांग्रेस ने बताया अघोषित आपातकाल
सरकार की ओर से सचिवालय अनुभागों में पत्रकारों के प्रवेश पर लगाए गए प्रतिबंध को कांग्रेस ने अघोषित आपातकाल करार दिया। प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की बात कहने वाली सरकार में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। जनविरोधी फैसले लिए जा रहे हैं। ये फैसले मीडिया तक न पहुंचे, इसके लिए लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की आवाजाही को प्रतिबंधित कर दबाने का प्रयास किया जा रहा है। जोकि सीधे तौर पर लोकतंत्र पर हमला है। गोपनीयता की आड़ में सरकार जनविरोधी व भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले फैसलों को मीडिया और प्रदेश की जनता से छुपाना चाहती है।