निकाय चुनाव में भी कांग्रेस को है पराजय का डर
मोदी की सियासत के आगे सूबे में विपक्ष की राह फिर लग रही मुश्किल
देहरादून । उत्तराखण्ड में निकाय चुनाव की दस्तक होने जा रही है और सभी दल इस चुनाव के लिए सोच-विचार व मंथन में जुट चुके है। प्रदेश में निकाय चुनाव की रणभेरी के बजने का इंतजार राजनैतिक दल कर रहे हैं तो वहीं विपक्ष में बैठी कांग्रेस को अभी कोई ऐसे खास मुददे नहीं मिल पाये हैं जिनकों लेकर वह राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा से बराबरी की टक्कर भी ले सके।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक प्रीतम सिंह के सामने इसी चुनाव की बड़ी चेतावनी निश्चित रूप से रहेगी। वे नई टीम का गठन करने में अवश्य लगे हुए हैं, लेकिन उनके इस दिशा में काम करने की रफतार काफी धीमी तथा सुस्ताना दिखाई दे रही है। प्रीतम की संगठन के पद पर ताजपोशी को करीब एक माह का समय हो रहा है और प्रारम्भ में प्रीतम के आने से कार्यकर्ताओं में खासा जोश भी दिखाई दे रहा था, लेकिन यह जोश अचानक गायब-सा हो गया है। राज्य में निकाय चुनाव का बिगुल बजने में कुछ और समय का विलंब हो रहा है, परन्तु कांग्रेस की इस चुनाव के लिए तैयारियां अभी न के बराबर ही हैं
। कांग्रेस पार्टी प्रदेश की 100 दिन पूरे करने वाली भाजपा सरकार पर भी उसके खिलाफ कोई खास राजनैतिक हमला नहीं कर पायी है। जिससे यह कहा जा सके कि राज्य में विधानसभा का चुनाव बुरी तरह से हारने वाली कांग्रेस पार्टी में अब चार माह के बाद कुछ हिम्मत बंधी हो। निकाय चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा का पूरा जलवा होने के आसार अभी से नजर आ रहे हैं क्योंकि भाजपा की त्रिवेद्र रावत की सरकार के विकास कार्य जहां लोगों को नजर आने लगे हैं तो वहीं कांग्रेस इस सोच में डूबी हुई है कि आखिर निकाय चुनाव में वह कैसे मुददों को जनता के सामने लेकर जाएगी।
भ्रष्टाचार पर करारी चोट करने वाली मौजूदा भाजपा सरकार की कार्यशैली को आमजन सराह रहा है और फिलहाल उसका झुकाव भाजपा सरकार की तरफ ही है। मुख्य बात यह भी है कि राज्य के अन्दर सबसे बड़ा मुददा भ्रष्टाचार का रहा है और कांग्रेस तथा भाजपा ने इसी भ्रष्टाचार के मुददे पर अपनी-अपनी राजनैतिक व सियासी रोटियां प्रत्येक चुनाव में जमकर सेकी भी हैं। लेकिन कांग्रेस का रवैया इस मामले में पूरी तरह से ढुलमुल रहा है।
भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति बनाकर अपने कदम आगे बढ़ा रही भाजपा की त्रिवेन्द्र सरकार की अदभुत कार्यशैली देखकर कांग्रेस पार्टी हैरान है। भले ही कांग्रेस ने भाजपा सरकार के खिलाफ हल्लाबोल अभियान शुरू कर दिया हो लेकिन वास्तव में भाजपा का सियासी खेल तथा उसकी कार्यशैली देखकर वह हैरान और परेशान है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के सामने आगामी निकाय चुनाव को देखते हुए निश्चित रूप से बड़ी चुनौती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सियासी व राजनैतिक जादू अब भी लोगों के सिर पर चढ़कर बोल रहा है।