Uttarakhand

नीट लागू होने से हजारों युवा नहीं बन पाएंगे आयुर्वेद डॉक्टर

देहरादून। आयुर्वेद डॉक्टर बनने के लिए नीट अनिवार्य होने के बाद राज्य के हजारों युवा इस बार परीक्षा से वंचित रह जाएंगे। नीट के आवेदन जमा होने के बाद आयुर्वेद को नीट में शामिल करने की सूचना से ऐसा हुआ है। अब आयुर्वेद बनने के लिए तैयारी कर रहे युवाओं को अगले साल होने वाली परीक्षा तक इंतजार करना पड़ेगा। राज्य में आयुर्वेद, होम्योपैथिक और यूनानी चिकित्सक बनने के लिए पहले यूएपीएमटी और प्राईवेट कॉलेजों के संगठन द्वारा प्रवेश परीक्षा ली जाती थी। इसके बाद मेरिट के आधार पर काउंसलिंग से सीटें भरी जाती थी। मगर इस बार आयुर्वेद डॉक्टर बनने के लिए भी नीट(नेशनल एलेजिबल एंट्रेस एग्जाम) पास करना जरूरी कर दिया है। राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली इस परीक्षा पास करने के बाद ही काउंसलिंग हो सकेगी। मगर आयुर्वेद में फरवरी तक इस परीक्षा को लेकर राज्य में कोई सूचना नहीं थी। अचानक मार्च प्रथम सप्ताह में इसकी सूचना मिली।

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने इस संबंध में जो आदेश किया गया है, उसमें स्पष्ट है कि इस साल होने वाली आयुर्वेद से डॉक्टरों बनने की प्रवेश परीक्षा भी नीट से होगी। मगर इससे पहले ही नीट के फार्म जमा हो गए थे। ऐसे में हजारों युवा आयुर्वेद डॉक्टर बनने की तैयारी कर रहे हैं। यह यूएपीएमटी के फार्म का इंतजार कर रहे थे। नीट ने इस हजारों युवाओं के सपने तोड़ दिए हैं। इसे लेकर भी राज्य स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं दिख रही है। अब नीट पास करने वाले छात्र ही आयुर्वेद डॉक्टरी में दाखिला ले सकेंगे।

एक जानकारी के अनुसार आयुर्वेद डॉक्टर बनने के लिए हर साल यूएपीएमटी की चार हजार और इसके बाद प्राईवेट कॉलेजों द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षा में भी दो हजार छात्र परीक्षा देते हैं। पिछले कई सालों से आयुर्वेद के प्रति युवाओं में क्रेज बढ़ा है। शासन ने आयुर्वेद प्रवेश परीक्षा को नीट से कराने के आदेश जारी कर दिए हैं। इस संबंध में सभी आयुर्वेद कॉलेजों को भी अवगत करा दिया है। अभी तक किसी का विरोध या अन्य कारण विवि को नहीं मिले हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष डा.अश्वनी कंबोज ने कहा कि आयुर्वेद और एमबीबीएस की पढ़ाई के अलग-अलग मानक हैं। आयुर्वेद को नीट में शामिल करना गलत है। मंत्रालय को इस संबंध में लिखित पत्र भेज दिया है। हजारों युवाओं के भविष्य को देखते हुए इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। कोर्ट जाने से भी एसोसिएशन पीछे नहीं हटेगा।

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