श्री मंगला माता जी गरीबों असहायों और अनाथों की माँ ……
140 बिस्तरों वाले ‘श्री हंस करुणा अस्पताल’ का सतपुली में निर्माण
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
विश्व में सेवा मार्ग पर चलते हुए कई सामाजिक संगठनों,संतो ने गरीबों,असहायों और जरूरतमंदों के जीवन उत्थान के लिए विश्व सेवा पटल पर कई आयाम गढ़े हैं। इनमें कई लोगों ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने सेवा भाव को नि:स्वार्थ भाव से स्थापित कर जरूरतमंदों के जीवन स्तर को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इस कड़ी में माताश्री मंगला जी एवं श्री भोलेजी महाराज का नाम विश्व सेवा मंच पर सम्मान के साथ लिया जाता है। जो अपनी सेवा पंरपरा को आगे बढ़ाते हुए लाखों गरीबों,असहायों और अनाथों के जीवन उत्थान के लिए जिस तरह से पूरे देश में कार्य कर रहे है। यह निश्चित तौर पर सराहानीय हैं।
‘हंस कल्चर सेंटर’,’हंस फाउंडेशन’ के प्रेरणास्रोत माताश्री मंगला जी एवं श्री भोलेजी महाराज उत्तराखंड सहित देश के कई अन्य राज्यों में स्वास्थ्य-शिक्षा से लेकर जरूमंदों की मदद के लिए कई ऐसी योजनाओं पर काम कर रहे है। जिन योजनाओं को असल में सरकारों को करना चाहिए। अगर सेवा भाव के अर्थों में कहें तो,माताश्री मंगला जी एवं श्री भोलेजी महाराज कई वर्षों से उन लोगों के बीच जाकर काम कर रहे है। जिनके पास जीवन-यापन के लिए कुछ भी नहीं हैं। वह उन बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए काम कर रहे है। जिनके भविष्य के सामने सिर्फ और सिर्फ अंधेरा था। वह उन विधवाओं और असहया महिलाओं के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं,जिनके लिए संघर्षों के मायने ही खत्म हो चुके थे। इस लिए उन्हें उत्तराखंड ही नहीं अपितु पूरे-देश में गरीबों की माँ के नाम से भी जाना जाता हैं।
उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल के पांगर गांव में 16 अक्टूबर 1956 को जन्मी माताश्री मंगला जी कई वर्षों से ‘द हंस फाउण्डेशन’,’श्री हंस लोक जनकल्याण समिति’ और ‘हंस कल्चर सेंटर’ जैसी धर्मार्थ,सामाजिक एवं आध्यात्मिक संस्थाओं के माध्यम् से देश-विदेश में गरीब तथा बेसहारा लोगों के बेहतर स्वास्थ्य-शिक्षा एवं उनके आध्यात्मिक,भौतिक विकास के लिए काम कर रही है।
माता श्री मंगला जी ‘श्री हंस करुणा स्वास्थ्य परियोजना’ के तहत उत्तराखंड के (सतपुली) पौड़ी गढ़वाल में गरीब लोगों के इलाज के लिए आधुनिक सुविधाओं से सुसजित 140 बिस्तरों वाले ‘श्री हंस करुणा अस्पताल’ का निर्माण करवा रही हैं। जो उत्तराखंड में स्वास्थ्य की बेहतर सुविधाएं देने के साथ-साथ रोजगार प्रदान करने के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है। इस अस्पताल के माध्यम से उत्तराखंड के लाखों लोगों को स्वास्थ्य की सेवाएं निःशुल्क प्रदान की जा रही है। इसी के साथ उत्तराखंड के हरिद्वार में 80 बेड का ‘हंस आई केयर अस्पताल’ का निर्माण किया हैं। जिसमें हजारों रोगियों का निःशुक्ल इलाज के साथ-साथ हर तरह की शाररिक जांच मुफ्त में की जा रही हैं,साथ ही देश के विभिन्न राज्यों में निःशुल्क सचल चिकित्सा वाहन प्रदान करने के साथ-साथ समय-समय पर चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जा रहा हैं ।
अगर शिक्षा की बात करें तो,शिक्षा के क्षेत्र में उत्तराखंड सहित गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के साथ अहमदाबाद के निकट भाणज गांव में स्कूली बच्चों के लिए देश के सबसे बड़े स्वचलित मध्याह्न भोजन रसोईघर,मिड्डे मिल का शुंभारम्भ किया है। जिसमें माताश्री मंगला जी द्वारा 12 करोड़ रूपये की आर्थीक साहयता प्रदान की गयी है। इसी के साथ शिक्षा के क्षेत्र में ‘द हंस फाउंण्डेशन’ के माध्यम से देश एवं उत्तराखंड में अनेक योजनाएं चलाई जा रही है। जिसमें कई स्कूलों और गरीब बच्चों को गोद लेकर उनके उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे है। ताकि देश में शिक्षा के स्तर में सुधार हो और गरीब बच्चों का जीवन-स्तर सुधर सकें।
इसी के साथ माताश्री मंगला जी एवं श्री भोलेजी महाराज की प्रेरणा से देश के लाखों बच्चों को शिक्षा तथा शिक्षा से जुड़े कई महत्वपूर्ण कोर्स के लिए आर्थिक सहायता भी ‘हंस कल्चर सेंटर’ माध्यम से दी जा रही हैं।
माताश्री मंगला जी स्वास्थ्य-शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने के अलावा भारत के कई राज्यों में विधवा पेंशन का वितरण भी कर रही हैं। जिससे असाहय महिलाओं को अपने जीवन यापन करने में किसी प्रकार की दिक्कतें ना आ पाए।
उत्तराखंड में पिछले दिनों आयी भयंकर आपाद से पीड़ितों को उभारने में माताश्री मंगला जी एवं श्री भोलेजी महाराज ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी….जिसके तहत आपाद पीड़ितों को नया जीवन प्रदान करने के लिए कई गांव को गोद लेकर उनका पुर्ननिर्माण कराने और आपदा में अनाथ हुए बच्चों को गोद लेकर उनके रहन-सहन और शिक्षा की व्यवस्था माताश्री मंगला जी के सहयोग से हो रहा है।
खेलों की बात करें तो इस क्षेत्र में भी माताश्री मंगला जी एवं श्री भोलेजी महाराज भारत के कई खिलाड़ियों को आर्थीक सहयोग प्रदान कर रहे है। जिसके तहत कराटा खिलाडी भविष्य सिंह,दुनिया की सबसे ऊंची सात चोटियों के साथ-साथ उत्तरी व दक्षिणी ध्रुव पर तिंरंगा फहराने वाली जुड़वा बहनें ताशी-नुंग्शी मलिक सहित देश के कई खिलाड़ियों को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए मदद कर रही हैं। इसी कड़ी में अपनी संस्था के माध्यम से उत्तराखंड में रेसलिंग को बढ़ावा देने के लिए मशहूर रेसलर महाबली खली को जोड़ कर,उत्तराखंड में रेसलिंग में रूचि रखने वाले बच्चों को निःशुल्क रेसलिंग की ट्रेनिंग देने के क्षेत्र में भी कदम बढ़ाया है।
विश्व स्तर के सेवा पटल पर सामाजिक,धार्मिक चिंतन पर नये आयाम गढते माताश्री मंगला जी एवं श्रीभोले जी महाराज अपनी सेवा भाव को व्यक्त करते हुए कहते हैं कि जरूरमंदों के लिए सेवा के माध्यम् आगे बढ़ना हमारे लिए सबसे बड़ा सम्मान हैं। हम सामाजिक स्तर पर सेवा के एक-एक को कण विशाल रूप दे रहे हैं। यही हमारे सेवार्था भाव का आदर हैं,जिसकी छाया में हम असंख्य लोगों के साथ खड़े हैं।
माताश्री मंगला जी एवं श्रीभोले जी महाराज जिस तरह से देश के उन ग्रामिण क्षेत्रों में अपनी संपूर्ण कार्य क्षमता के साथ कार्य कर रहे है…जहां लोगों को विकास के मायने ही मालूम नहीं है। विशेषकर स्वास्थ्य-शिक्षा के क्षेत्र में,…जिसे देख कर कहा जा सकता हैं कि वह दिन दूर नहीं जब हमारे देश में ऐसे लोगों की सेवाओं के माध्यम् से बहुत जल्द विकास के मायने बदल जाएंगें और हम विश्व के मानचित्र पर खुद को विकसित पाएंगें।
माताश्री मंगला जी एवं श्री भोले जी महाराज को देश भर में स्वास्थ्य-शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य करने के लिए देश-विदेश की कई संस्थाएं सम्मानित कर चुकी हैं…जिसमें उत्तराखंड सरकार द्वारा ‘उत्तराखंड रत्न’ सम्मान प्रमुख है।
लेकिन सवाल ये हैं कि विश्व के विकसित मंच पर देश के साथ-साथ उत्तराखंड को नयी पहचान दिलाने वाले माताश्री मंगला जी एवं श्री भोलेजी महाराज को भारत सरकार की सम्मानित पंक्ति में कब शामिल किया जाएगा? वैसे लाखों-करोडों लोगों की निःस्वार्थ सेवा के लिए,लोगों द्वारा मिल रहे प्यार और सम्मान से बड़ा माताश्री मंगला जी एवं श्री भोलेजी महाराज के लिए क्या हो सकता है।