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पेड न्यूज पर आधारित कार्यशाला में दिये गये गए सुझाव

पेड़ न्यूज़ और पेड व्यूज पर सुशील उपाध्याय का व्याख्यान 

देहरादून । चुनाव आयोग के निर्देश पर मुख्य चुनाव अधिकारी राधा रतूडी की अध्यक्षता में पेड न्यूज से संबंधित एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में  चुनाव आयोग के निदेशक धीरेन्द्र ओझा ने  चुनाव आयोग द्वारा किये गए प्रावधानों व नियमो पर व्याख्यान दिया जबकि उपस्थित लोगों ने अपने विचार एवं सुझाव प्रदान किये। इस अवसर पर समाचार को उत्पाद होने की स्थिति से बचाने की जरूरत पर जोर दिया गया।

यहां सुभाष रोड स्थित एक होटल में आयोजित इस कार्यशाला में पत्रकारों से उनके सुझाव व पेड न्यूज के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की गई और उसके समाधान के लिए कई प्रकार के सुझाव आमंत्रित किये गये। वहीं चुनाव से पूर्व ओपिनियन पोल को भी चुनाव संपन्न होने तक बंद कराये जाने का सुझाव वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र जोशी द्वारा दिया गया और कहा कि कहीं न कहीं यह ओपिनियन पोल चुनाव को प्रभावित करते हैं। इस पर विशेषज्ञों ने कहा कि इस दिशा में एक कमेटी का गठन किया गया है और वह कमेटी पूर्ण रूप से इस दिशा में कार्य कर रही है, लेकिन चुनाव पूर्व ओपिनियन पोल को बंद किये जाने पर विचार किया जा सकता है और भारत निर्वाचन आयोग को इस सुझाव से अवगत कराया जायेगा। इस अवसर पर वक्ताओं ने सिस्टम मीडिया को नियंत्रित करने के परिणाम पर मीडिया की स्वतंत्रता पर भी निशान लग सकते है। उनका कहना है कि न्यूज प्रकाशित करना पेड न्यूज के दायरे में आता है या नहीं का परीक्षण भी किया जाना चाहिए और नकारात्मक पक्ष को प्रकाशित करने व पैड न्यूज के जरिये एक ही व्यक्ति को लाभ पहुँचाने आदि पर भी विशेष ध्यान दिये जाने पर जोर दिया गया।

इस अवसर पर सोशल मीडिया पर प्रचार व प्रसार के दिशा निर्देश भी जारी किये गये। इस दौरान किसी भी प्रत्याशी व राजनीतिक दल को जिला स्तरीय, राज्य स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन एंड काॅन्टेड माॅनिटरिंग कमेटी, कमेटियों को अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंटस की संपूर्ण सूचना देनी होगी और प्रत्याशियों पर राजनैतिक दलों को यह भी बताना होगा कि इन अकाउंटस को चलाने में क्या खर्च आया है और जिसमें इंटरनेट और डीएटीव टीम व वर्कर को किया जाने वाला भुगतान भी सम्मिलित है। किसी भी पेज व अकाउंटस को स्पाॅन्सर करते समय उस पर आ रहे खर्च की सूचना तथा भुगतान की प्रव्रिफया का विवरण कमेटी को नियमित रूप से देना होगा। यदि किसी पोस्ट, वीडियो, एप्लीकेशन ग्राफिक फ्लैट को विज्ञान के रूप में जारी किया जाना है तो इसका पूर्व प्रमाणीकरण अनिवार्य होगा यदि कोई पोस्ट, वीडियो आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करती पाई गई तो उस पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।

कार्यशाला में यह भी अवगत कराया गया कि फेसबुक, टवीट्र पर लाईव के लिए अनुमति की जरूरत नहीं है परन्तु लाईव किये जा रहे वीडियो की कान्टेंट में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं होना चाहिए और लाईव के दौरान रिकाडेड वीडियो को भी बाद में प्रयोग के लिए एमसीएमसी द्वारा बिना पूर्व प्रमाणीकरण व विज्ञापन के रूप में नहीं चलाया जा सकता है, जिन सोशल मीडिया गतिविधियों में एमसीएमसी द्वारा पूर्व में प्रमाणीकरण की बाध्यता नहीं है उनके कन्टेंट भी एमसीएमसी कमेटियों द्वारा माॅनिटर किये जायेंगें और यदि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करती हुई कोई सामग्री मिलेगी तो उस पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी जैसे नौ बिन्दुओं पर दिशा निर्देश मुख्य निर्वाचन अधिकारी  के कार्यालय की ओर से जारी किये गये है। इस अवसर पर कार्यशाला को सुशील उपाध्याय ने विशेष रूप से संबोधित किया और पेड़ न्यूज़ और पेड व्यूज पर बारीकी से प्रकाश डाला।  कार्यशाला में मुख्य चुनाव अधिकारी राधा रतूडी, सूचना महानिदेशक विनोद शर्मा, डा. अनिल चंदोला, नितिन उपाध्याय सहित अन्य प्रेक्षक मौजूद रहे।

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