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हल्द्वानी की गफूर बस्ती में आज होगा सीमांकन, बाद में टूटेगा अतिक्रमण

हल्द्वानी  : हाईकोर्ट की सख्ती के बाद हल्द्वानी रेलवे स्टेशन से लगी करीब 29 एकड़ जमीन अतिक्रणकारियों से मुक्त करने की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं। रविवार को लगातार दूसरे दिन रेलवे टीम हल्द्वानी रेलवे स्टेशन की जमीन पर अतिक्रमण हटाने पहुंची। मगर शनिवार की तरह फिर जिला प्रशासन और पुलिस की टीम नहीं आईं।

इस बीच रेल अफसरों और पुलिस-प्रशासन की दो दौर की बैठक हुई। इसमें तय किया गया है कि सोमवार से अतिक्रमण हटाने के बजाय पहले बची 19 एकड़ जमीन का सीमांकन होगा। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी। सीमांकन में करीब तीन दिन लग सकते हैं। गौरतलब है कि रेलवे पहले ही 10 एकड़ जमीन का सीमांकन कर चुका है। विरोध बढ़ने पर बाकी जमीन का सीमांकन नहीं हो सका था। बताया जाता है कि पूरे प्रदेश से फोर्स पहुंचने के बाद 19 जनवरी को रेलवे बेदखली की कार्रवाई शुरू कर सकता है।

अब इन इलाकों में होगा सीमांकन

अभी तक ढोलक बस्ती, गफूर बस्ती, किदवई नगर, वैस्टीगंज और चोरगलिया रोड में 10 एकड़ जमीन का सीमांकन हुआ है। रेलवे सोमवार से लाइन नंबर-17, नई बस्ती, इंदिरा नगर, गौजाजाली और हिमालय फार्म में 19 एकड़ जमीन का सीमांकन करेगा।अंतिम वक्त पर बदली रणनीतिसूत्रों के मुताबिक प्रशासन को खुफिया रिपोर्ट के आधार पर रविवार को अंतिम समय में रणनीति बदलनी होगी। रिपोर्ट में कहा गया कि अगर पहले कार्रवाई शुरू की गई तो बचे 19 एकड़ हिस्से का सीमांकन मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में प्रशासन को अतिक्रमण तोड़ने के बजाय सीमांकन को मजबूर होना पड़ा। फोर्स की मौजूदगी से बढ़ी रही धड़कनें शनिवार को आरपीएफ के 160 जवानों ने गफूर बस्ती, ढोलक बस्ती, किदवई नगर और वेस्टीगंज इलाके में मार्च पास्ट किया। इलाके में जवानों की थाप सुनकर लोग सहम गए।

आरपीएफ के मुख्य सुरक्षा आयुक्त राजा राम भी अतिक्रमण का निरीक्षण करने हल्द्वानी स्टेशन पहुंचे। उन्होंने कहा कि रेलवे अपनी तरफ से कोर्ट की ओर से निर्धारित अवधि में अतिक्रमण हटाने के लिए कोर-कसर नहीं छोड़ेगा। इस बीच रेलवे पुलिस फोर्स ने हल्द्वानी स्टेशन की सुरक्षा पुख्ता कर दी है। स्टेशन के सामने रेत से भरी बोरियां रखकर सुरक्षा दीवार तैयार कर दी गई है।रेलवे अतिक्रमण तोड़ने से सीमांकन तक हर कार्रवाई के लिए तैयार है। प्रशासन पहले अतिक्रमण का सीमांकन करने को कह रहा है

राजेंद्र सिंह, पीआरओ, पूर्वोत्तर रेलवे के अनुसार दो दिन में रेलवे के लाखों रुपये बर्बाद अतिक्रमण तोड़ने के लिए रेलवे अधिकारी शनिवार और रविवार को 120 ग्राउंडमैन, 160 आरपीएफ जवान, 6 जेसीबी और 8 एंबुलेंस इज्जतनगर से हल्द्वानी लेकर आए। मगर अतिक्रमण पर कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि एक जेसीबी के रोजाना का किराया करीब 15 हजार है, जबकि एंबुलेंस का किराया 8 से 10 हजार, एक आरपीएफ का जवान एक दिन का खर्चा 1200-1500 रुपये है। कार्रवाई नहीं होने से रेलवे को लाखों का नुकसान झेलना पड़ा है।

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