एंजेल चकमा हत्याकांड में नया मोड़: जानिए कौन हैं SSP अजय सिंह, जिन्हें मिला ST आयोग का नोटिस
देहरादून
नोटिस में गंभीर सवाल
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की ओर से जारी नोटिस में सवाल किया गया है कि एंजेल चकमा मामले में पुलिस की तरफ सेएफआईआर दर्ज करने में देरी क्यों हुई? आयोग ने पूछा है कि मेडिकल रिपोर्ट के बावजूद हत्या के प्रयास की धाराएं क्यों नहीं जोड़ी गई? आयोग ने पूछा है कि दोषियों की गिरफ्तारी और पीड़ित की सुरक्षा के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए?
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के सेलाकुई में अनुसूचित जनजाति छात्र एंजल चकमा प्रकरण लगातार गहरा रहा है। नस्लीय हमले में त्रिपुरा के एमबीए छात्र एंजेल चकमा की जान चली गई। इस मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक, देहरादूनके जिलाधिकारी और एसएसपी को नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। एंजल चकमा प्रकरण में सबसे अधिक सवाल देहरादून पुलिस पर खड़े हो रहे हैं। मामले में एसएसपी अजय सिंह पर सवाल खड़ा किया जा रहा है। मामले में एसटी आयोग के कड़े सवालों और लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शनों से विवाद गहराने की आशंका जताई जा रही है।
कौन हैं अजय सिंह?
अजय सिंह वर्तमान समय में देहरादून के एसएसपी की भूमिका में हैं। अजय सिंह ने प्रादेशिक पुलिस सेवा के जरिए वर्ष 2005 में बतौर डीएसपी कार्य शुरू किया था। वर्ष 2018 में उन्हें आईपीएस अधिकारी के तौर पर प्रमोशन मिला। उन्हें 2014 बैच दिया गया। सितंबर 2023 में देहरादून के एसएसपी का कार्यभार संभालने से पहले वह हरिद्वार के पुलिस कप्तान के पद पर तैनात थे। देहरादून में वे सीओ सिटी, सीओ डालनवाला और देहरादून सिटी एसपी की भूमिका में रह चुके हैं। हरिद्वार के एसपी देहात के पद पर भी काम किया।
2018 में आईपीएस बनने के बाद उन्हें रुद्रप्रयाग जिले में तैनाती मिली थी। इसके बाद वे पुलिस मुख्यालय में एसपी कार्मिक के तौर पर तैनात किए गए। वर्ष 2020 में एसटीएफ में एसएसपी के तौर पर नियुक्त किया गया। उन्होंने परीक्षा घपलों में बड़ी कार्रवाई के जरिए अपने कड़े तेवर का परिचय दिया था। अब उनके सामने एंजेल चकमा मर्डर केस मामले की बड़ी चुनौती है।



