चीन की नई चाल: अरुणाचल प्रदेश के 27 स्थानों के नाम बदले, भारत ने जताई कड़ी आपत्ति

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चीन ने 11 मई को अरुणाचल प्रदेश में 27 स्थानों के नाम बदलने की घोषणा की। यह खबर भारत-पाकिस्तान तनाव के कारण दब गई।
अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के नामों का यह 5वां प्रकाशन है।
भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव में चीन ने अरुणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों के नाम बदले हैं। इस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है। चीन को करारा जवाब देते हुए भारत ने कहा कि नए नाम गढ़ने से यह सच्चाई नहीं बदलेगी। अरुणाचल हमेशा से भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और रहेगा। आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है, इससे पहले भी चीन इस प्रकार की हरकत कर चुका है। भारत ने हर बार उसको करार जवाब दिया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बुधवार को एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया। चीन की ओर से अरुणाचल में स्थानों के नाम बदलने की खबरों पर रणधीर जायसवाल ने कहा, हमने देखा है कि चीन ने भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम बदलने के अपने व्यर्थ और बेतुके प्रयासों को जारी रखा है। उन्होंने आगे कहा है कि हमारी सैद्धांतिक स्थिति के अनुरूप हम ऐसी कोशिशों को पूरी तरह खारिज करते हैं। नए नाम गढ़ने से यह सच्चाई नहीं बदलेगी कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और रहेगा।
कुछ दिनों से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चल रहा है। 10 मई को सीजफायर का ऐलान हो गया है। अब बॉर्डर पर हालात सामान्य हो रहे है। इसी बीच चीन ने अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों के नाम बदले है।
चीन ने भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताया है। यह पहली बार नहीं है, इससे पहले भी उसने कई बार अरुणाचल के स्थानों के नामों को बदला है, जिस पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। पिछले साल मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में महत्वपूर्ण सेला सुरंग का उद्घाटन किया था। इस यात्रा को लेकर चीन ने टिप्पणी भी की थी।