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प्रदेश में तीन मई से चार धाम यात्रा शुरू होगी।

कोविड महामारी की चौथी लहर नहीं आई तो चार धाम यात्रा पूरी क्षमता के साथ संचालित होगी। इस बार पर्यटन विभाग की ओर से चार धाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से खास इंतजाम किए जा रहे हैं। यात्रा करने वाले प्रत्येक यात्री और उनके वाहनों का पूरा रिकॉर्ड लिया जाएगा। इसके लिए आनलाइन के साथ ऑफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की जाएगी। पंजीकरण के लिए विभाग ने मोबाइल एप और वेबसाइट तैयार की तैयार की है। जिससे यात्रियों व वाहनों की लोकेशन ट्रेस की जाएगी। 
पिछले दो साल में कोरोना महामारी के प्रतिबंधों से चार धाम व हेमकुंड साहिब यात्रा प्रभावित रही। जिससे पर्यटन उद्योग से जुड़े कारोबारियों को बड़ा आर्थिक झटका लगा था। विशेषज्ञों की ओर से कोविड की चौथी लहर आने की संभावनाएं जताई जा रही है। यदि चौथी लहर नहीं आई तो चार धाम यात्रा कोविड से पहले की भांति पूरी क्षमता के साथ संचालित हो सकती है। इस बार चार धाम व हेमकुंड साहिब यात्रा के लिए यात्री सुविधाओं का विस्तार किया गया है। 
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के अपर निदेशक विवेक चौहान का कहना है कि प्रदेश में जल्द शुरू होने वाली चार धाम और हेमकुंड साहिब यात्रा में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस बार ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की जाएगी। इससे तीर्थयात्रियों व उनके वाहनों को आसानी से ट्रेस किया जा सकेगा। विभाग की ओर से मोबाइल एप व वेबसाइट तैयार की गई है।
पंजीकरण में तीर्थ यात्रियों की पूरी जानकारी ली जाएगी। 

तीन मई से शुरू होगी चार धाम यात्रा
प्रदेश में तीन मई से चार धाम यात्रा शुरू होगी। अक्षय तृतीया पर तीन मई को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे। जबकि केदारनाथ धाम के छह मई और बदरीनाथ धाम के कपाट आठ मई को खुलने की तिथि तय हुई है। इस बार  केदारनाथ धाम आने वाले तीर्थ यात्री आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि के दर्शन भी कर सकेंगे।

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