PITHORAGARH

मालपा और मांगती में 30 लोग अभी भी लापता, 12 लोगों के शव हुए मलवे से बरामद, नौ की हुई शिनाख्त

  • दो हेलीकॉप्टरों के पहुंचने से मालपा और घटियाबगड़ में रेस्क्यू अभियान हुआ तेज़
  • घटियाबागड़ से मालपा के बीच तीन पुल बहने से अभी भी बंद
  • अस्थायी पुल बनने में तीन दिन का समय लगने की संभावना
  • घायल युवक सुरेंद्र गर्ब्याल को नौ किमी दूर बूंदी और हेलीकॉप्टर से धारचूला लाया गया

पिथौरागढ़ : उच्च हिमालयी क्षेत्र मालपा व दुंगदुंग में बादल फटने की घटना में तबाह हुए मालपा व मांगती घटियाबगड़ में हर तरफ तबाही के निशान दिख रहे हैं। बदहवास लोग लापता अपनों को मलबे में खोजने की जद्दोजहद में जुटे हैं। छलछलाई आंखों और दर्द भरे चेहरे उम्मीद में खोजबीन अभियान को एकटक निहार रहे हैं। ज्यों-ज्यों समय बीतता जा रहा है, शवों के मिलने की उम्मीद धूमिल होती जा रही है। मानव अंग या शव दिखते ही लोगों के चीत्कार से वातावरण दहल जा रहा है। अब तक 12 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं। इसमें नौ लोगों की शिनाख्त हो सकी है। मरने वालों की संख्या 30 से अधिक होने की प्रबल आशंका जताई जाने लगी है। लापता लोगों में अब भी सेना के एक जेसीओ समेत छह जवानों का पता नहीं चल सका है। 30 लापता लोगों में 11 के नाम पते की पुष्टि कर ली गई है। एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमों को एयर लिफ्ट के जरिये घटना स्थल पर पहुंचा दिया गया है। 

सोमवार तड़के बादल फटने के बाद मालपा में तीन होटल, चार दुकानें बह गई थीं जबकि मांगती घटियाबगड़ में सेना का कैंप तबाह हो गया था। इस घटना में पहले दिन 17 की मौत और 30 लोगों के लापता होने की बात सामने आई थी लेकिन प्रशासन महज पांच के मौत की पुष्टि कर रहा था। बुधवार को खोजबीन कार्य में सेना के हेलीकॉप्टर लगाए गए। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व राजस्व दल को एयर लिफ्ट करा कर बूंदी में उतारा गया। वहां से दल के सदस्य के सदस्य कई किमी पहाड़ी पगदंडियों पर पैदल चल कर मांगती व घटियाबगड़ पहुंचे। इसके बाद खोज कार्य में तेजी आई। इससे पहले स्थानीय युवा, आइएसबीटी व सेना के जवान खोज अभियान चला रहे थे। लापता लोगों की खोजबीन के लिए सेना के डॉग स्कवायड की मदद भी ली जा रही है।  लापता लोगों में दस नेपाली मजदूरों को भी उनके साथियों ने अब मृत मान लिया है। नेपालियों के इस दावे के बाद मृतकों का आंकड़ा तीस से ऊपर जाने की आशंका है।

असमंजस में 42 घंटे बाद भी जिला प्रशासन

आपदा के 42 घंटे बीत जाने के बाद भी प्रशासन मृतकों व लापता लोगों की संख्या को लेकर असमंजस में है। जबकि स्थानीय लोग घटना की रात से गायब अपनों के बारे में सूचना दे रहे हैं। तस्वीर पूरी तरह अब भी साफ नहीं हुई है। बुधवार को प्रशासन ने सेना के छह लापता जवानों के साथ ही पांच लापता लोगों के नाम पते की पुष्टि कर लेने का दावा किया। मालपा में नौ शव बरामद हो चुके हैं। इनमें छह की शिनाख्त कर ली गई है। तीन शवों की शिनाख्त अभी नहीं हुई है। घटियाबगड़ में पति-पत्नी सहित तीन शव बरामद हुए हैं। पति-पत्नी की शिनाख्त स्थानीय निवासी के रू प में हुई है। तीसरे व्यक्ति की पहचान अभी नहीं हो सकी है। मृतकों में तीन का पंचनामा कर अंत्येष्टि कर दी गई है। आपदा में घायल हुए सुनील सिंह गब्र्याल को उपचार के लिए हेलीकाप्टर से हल्द्वानी भेज दिया गया है। सेना के चार जवानों का स्थानीय सेना चिकित्सालय धारचूला में उपचार चल रहा है। भारतीय सेना, आइटीबीपी की सातवीं वाहिनी और एसएसबी की 11 वीं और 55 वीं वाहिनी राहत एवं बचाव कार्यो मे लगी हुई है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें भी क्षेत्र में जुटी हुई हैं। 

अभी भी लापता जवान

जेसीओ शंकर सिंह राठौर, लांस नायक प्रकाश सिंह, शशिकांत त्रिपाठी, सूबेदार बाबू लाल, हवलदार राजकिशोर यादव व हवलदार अशोक कुमार। 

कैलास यात्री कराए गए एयर लिफ्ट 

कैलास मानसरोवर यात्रा पूरी कर लौट रहे 13वें दल के 23 सदस्यों को सुरक्षित स्थानों पर एयर लिफ्ट करा दिया गया है। इसमें 15 यात्रियों को जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ और आठ यात्रियों को धारचूला पहुंचाया गया। ये यात्री चीन से वापस लौटने के बाद गुंजी में फंस गए थे। मानसरोवर यात्रा मार्ग पर तीन पुल बह जाने से सड़क आवागमन पूरी तरह बंद हो गया है। केएमवीएन के जीएम ने बताया कि यात्रा नहीं रुकेगी। यात्रियों को हेलीकॉप्टर से बंद मार्गों को पार कराया जाएगा। 

अभी तक चार मृतकों के परिजनों को मिली 16 लाख की सहायता   

बादल फटने की घटना में मारे गए लोगों को राहत राशि देने का काम भी बुधवार को शुरू  हो गया। मदरमा गांव के तीन मृतकों व मांगती हादसे में मृत कलावती देवी के परिजनों को भी चार- लाख रुपये का चेक प्रशासन ने दिया। 

घटियाबगड़ में रेस्क्यू अभियान हुआ तेज़

मांगती में एसएसबी, आईटीबीपी, सेना के जवान लगातार बारिश के बाद भी सर्च अभियान चलाए हुए हैं।मालपा और घटियाबगड़ में हुर्इ बादल फटने की घटना के बाद से लगातार आइटीबीपी के जवान और सेना द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। रेस्क्यू के लिए केंद्र से आये दो हेलीकॉप्टर भी लगे हुए हैं। अब तक इस हादसे में करीब 17 लोगों की मौत हो गई, जबकि 30 से ज्यादा लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री के कड़े निर्देश के बाद घटियाबागड़ में एनडीआरएफ एसडीआरएफ की टीम पहुंच चुकी है। मालपा तक सड़क मार्ग अभी भी मार्ग बंद है। मालपा में घायल एक युवक सुरेंद्र गर्ब्याल को नौ किमी दूर बूंदी पहुंचाया गया। जहां से हेलीकॉप्टर से धारचूला लाया गया।

हेलीकॉप्टर से राजस्व कर्मियो को बूंदी पहुंचाया जा रहा है। राजस्व कर्मी नौ किमी नीचे उतर कर मालपा में शवो का पंचनामा भरेंगे और अन्य मृतको के शवो और लापता लोगो की तलाश करेगे। मालपा में हेलीपैड नही है। साथ ही मौसम साथ नही दे रहा है। आपदा से मार्ग बंद होने से 16 वे कैलास मानसरोवर यात्रा दल को पहले पड़ाव सिर्खा से वापस धारचूला लाया गया है। घटियाबागड़ से मालपा के बीच तीन पुल बहने से बंद है। अस्थायी पुल बनने में तीन दिन का समय लगने की संभावना है। शोक में धारचूला बाजार बंद है।

गौरतलब है कि सोमवार तड़के करीब 2.45 बजे सात हजार फीट की ऊंचाई स्थित कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग पर दुंगदुंग में बादल फटने की पहली घटना हुई। इसी दौरान मालपा में भी बादल फट गया। जिससे ननगाड़ और ठुलगाड़ व मालपा नाला उफान पर आ गए। इन नालों के प्रवाह से सिमखोला नदी विकराल हो गई। नतीजतन मालपा में तीन होटल बह गए। जबकि घटियाबगड़ में आर्मी ट्रांजिट कैंप तबाह हो गया। कैंप में सो रहे जवानों ने पहाड़ी पर चढ़कर जान बचाई।

इस दौरान सेना के तीन ट्रक सहित आधा दर्जन अन्य वाहन व सेना का साजो सामान भी बह गया। मालपा में अब तक सेना के छह तथा एक महिला का शव निकाला जा चुका है। मांगती नाले की तबाही में आधा दर्जन सेना के जवान और तीन स्थानीय दुकानदार लापता हैं।

सात अन्य के भी लापता होने की जानकारी आ रही है। प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करने के बाद पिथोरागढ़ पहुंचे मंडलायुक्त चंद्रशेखर भट्ट व डीआईजी अजय रौतेला ने बताया कि क्षेत्र में सड़कों की हालत बेहद खतरनाक है। आवाजाही की दृष्टि से अहम पुल का तैयार किया जा रहा है।

कमिश्नर ने बताया कि कैलास मानसरोवर व आदि कैलास यात्रियों को हेलीकॉप्टर से लाया जाएगा। शासन ने राहत बचाव कार्य के लिए दो हेलिकॉप्टर उपलब्ध कराए हैं, जो पिथोरागढ़ पहुंच गए है। आज मौसम सामान्य है, इसलिए अभियान आज से ही शुरू होगा।

devbhoomimedia

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