पलायन से वीरान हो चुके अल्मोड़ा और पौड़ी जिले के 30-30 गांव होंगे आबाद

देहरादून : पलायन की मार से मात्र दो से दस लोगों की जनसंख्या वाले अल्मोड़ा और पौड़ी जिले के 30 -30 गांवों को सरकार आबाद करने की सोच रही है। इन गांवों का सर्वे कर वहा रह रहे लोगों की राय के आधार पर कृषि समेत आर्थिक गतिविधियों के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
पलायन की सर्वाधिक मार झेल रहे अल्मोड़ा और पौड़ी जिले के गांवों के विकास के लिए ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग आजकल एक कार्ययोजना तैयार कर रहा है। ताकि यहाँ एक बार फिर से गांवों को आवाद कर वहां पुरानी खुशियां वापस लायी जा सके। गौरतलब हो कि उत्तराखंड में अल्मोड़ा और पौड़ी जिले ऐसे हैं, जहां राज्य के अस्तित्व में आने के बाद और रोजगार के तलाश में गांव से बाहर पलायन हो जाने के कारण इन गांवों की जनसंख्या घटी है।
पलायन की मार झेल रहे इन गांवों की दशा को देखते हुए ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग ने पलायन की मार से त्रस्त गांवों को संवारने के लिए एक कार्ययोजना तैयार करने का निर्णय लिया है। इस कड़ी में पहले चरण में अल्मोड़ा और पौड़ी के 30-30 गांवों को लिया गया है। आयोग के उपाध्यक्ष डॉ.एसएस नेगी के अनुसार इन दोनों जिलों के दो से 10 के बीच की जनसंख्या वाले इन गांवों का सर्वे करते हुए वहां मजबूरी में निवास कर रह रहे लोगों की राय के आधार पर कृषि समेत आर्थिक गतिविधियों के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
सर्वे में इन गांवों में खाली पड़ी भूमि, घरों के उपयोग, मूलभूत सुविधाएं, सामाजिक-आर्थिक विकास से संबंधित कार्य समेत अन्य पहलुओं को शामिल किया जाएगा। डॉ.नेगी के अनुसार इस सर्वे के दौरान गांवों से पलायन कर चुके लोगों से भी रायशुमारी का प्रयास किया जाएगा। इसके पीछे मंशा यह है कि लोगों को रिवर्स पलायन के लिए भी प्रेरित किया जाए। यही नहीं, इन गांवों में सामूहिक खेती पर भी जोर दिया जाएगा। ताकि वहां बंजर हो चुकी खेती को एक फिर फसलों से लहलाते हुए गांव वालों को वहीँ रोजगार के साधन मुहैया करवाए जायँ। उनके अनुसार इस तरह के गांवों की कार्ययोजना तैयार कर इसे सरकार को सौंपा जाएगा।ताकि इन्हे एक बार फिर आवाद किया जा सके।