UTTARAKHAND

पासपोर्ट में 19 महिलाओं ने खुद को बताया पुरुष,लगा जुर्माना

19 महिलाओं पर 500 से 1500 रुपये तक का लगा जुर्माना

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी, ऋषि अंगरा का कहना है कि आवेदक को फॉर्म ध्यान से भरना चाहिए और फार्म को भरने से पहले एक बार दोबारा अवश्य पढ़ना चाहिए।

जिन आवेदनों में मेल फीमेल की जानकारी गलत दी गई है उन्हें जुर्माने के तौर पर अतिरिक्त शुल्क देकर पासपोर्ट प्रक्रिया में शामिल होना होगा।                                         

देहरादून : उत्तराखंड की अस्थायी राजधानी के लोग वैसे तो फैशन के मामले में मुंबई को भी मात देते हैं लेकिन पासपोर्ट के लिए आवेदन करते समय यहां की महिलायें खुद को पुरुष बता देती हैं।  यानि पासपोर्ट फार्म को ठीक से पढ़े बिना ही भर कर देदेती हैं। फार्म के कॉलम को ठीक से  पढ़ना कुछ महिला आवेदकों को तब भारी पड़ गया जब पासपोर्ट अधिकारीयों ने फार्म की स्कूटनी की तो ऐसे कई और भी मामले सामने आते गए। पासपोर्ट कार्यालय ने ऐसी 19 महिला आवेदकों पर 500 से 1500 रुपये तक का जुर्माना लगाया है। 

कार्यालय ने ऐसी 19 महिला आवेदकों पर 500 से 1500 रुपये तक का जुर्माना लगाया है। अधिकारियों का कहना है कि काफी समय से ऐसे इक्का दुक्का मामले सामने आ रहे थे। लेकिन जब दस्तावेजों की गहरी पड़ताल की गई तो 24 से अधिक ऐसे मामले सामने आए।

इसके साथ ही कार्यालय ने पासपोर्ट आवेदकों को एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि पासपोर्ट आवेदन के दौरान किसी भी तथ्य को न छुपाएं। आवेदन पूरा होने से पूर्व इसकी एक बार जांच अवश्य कर लें। भारतीय विदेश मंत्रालय की शर्तों के अनुसार ऐसे मामलों में पासपोर्ट एक्ट के तहत भारी जुर्माने या सजा का प्रावधान है।

क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि पासपोर्ट जैसे संवेदनशील दस्तावेज में तथ्यों की गलत जानकारी देना या कुछ जानकारी छिपाना दंडनीय अपराध है। आवेदक अक्सर अपना आवेदन भरने में दूसरे की मदद लेते हैं। इसके चलते जेंडर वाला कॉलम गलत भरा जाता है। प्रथम दृष्टया यह मामला तो वैसे भी मानवीय भूल है। इसी के मद्देनजर कठोर कार्रवाई नहीं की गई।

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