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भारत से विलुप्त हो चुकी हैं जीवों की चार प्रजातियों सहित वनस्पतियों की 18 प्रजातियां

वाइल्डलाइफ सर्वे का दावा : भारत में वन्यजीवों की 22 प्रजातियां हुई धीरे-धीरे विलुप्त
हिमालयी बटेर (Ophrysia supercililios) की 1876 तक तो थी उसके बाद हुई विलुप्त
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : दुनिया की सभी वनस्पतियों की 11.5 फीसदी भारत में पाई जाती हैं। जीवों की चार प्रजातियां और वनस्पतियों की 18 प्रजातियां भारत से विलुप्त हो चुकी हैं। यह कहना है बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया (BSI) के निदेशक ए.ए. माओ का। उन्होंने बताया कि इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर IUCN की नई स्टडी में पता चला है कि वर्ष 1750 के बाद से पक्षियों, स्तनधारियों और उभयचरों की तुलना में दोगुने से अधिक पौधे गायब हो चुके हैं।
वाइल्डलाइफ सर्वे ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक, भारत से कई जानवर और पेड़-पौधों की प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं। इसके लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने कई वजहों को जिम्मेदार बताया है। इसमें 1750 से लेकर साल 1876 तक के आंकड़े दिए गए हैं। जीवों की चार प्रजातियां और वनस्पतियों की 18 प्रजातियां पिछले कई वर्षों में भारत से विलुप्त हो चुकी हैं। बीते लोकसभा सत्र के दौरान मंत्रालय की ओर से ये मुद्दा भी उठाया गया था।
बॉटनिकल सर्वे ऑफ इंडिया (BSI) के निदेशक ए.ए. माओ ने कहा कि भारत दुनिया में सभी वनस्पतियों के 11।5% का घर है। इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर की नई स्टडी में पता चला है कि 1750 के बाद से पक्षियों, स्तनधारियों और उभयचरों की तुलना में दोगुने से अधिक पौधे गायब हो चुके हैं।
वर्ष 1750 के बाद से पक्षियों, स्तनधारियों और उभयचरों की तुलना में दोगुने से अधिक पौधे गायब हो चुके हैं। प्रतिस्पर्धा, प्राकृतिक चयन, शिकार और निवास स्थान में गिरावट जैसे मानव प्रेरित कारक इन प्रजातियों के विलुप्त होने की कुछ वजहें हैं : एक रिपोर्ट