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राज्य के 16608 शिक्षकों को जल्द मिलेगी राहत
- -इन शिक्षकों की विशिष्ट बीटीसी को एनसीटीई से मिलेगी मान्यता
- -संसद के शीतकालीन सत्र में राज्य सभा में पेश होगा बिल
- -लोकसभा पहले ही पारित कर चुकी है बिल
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून । राज्य के 16608 शिक्षकों की विशिष्ट बीटीसी की मान्यता पर लटकी तलवार जल्द ही हट जाएगी। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावेड़कर से इन शिक्षकों के विशिष्ट बीटीसी की मान्यता प्रकरण पर बातचीत की। जावेड़कर ने बताया कि संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में राज्यसभा में यह बिल पेश किया जाएगा। इसके पारित होने की पूरी संभावना है।
राज्य में वर्ष 2001 से 2016 के बीच शिक्षा विभाग ने राज्य के 16608 शिक्षकों को डायट से विशिष्ट बीटीसी का कोर्स करवाया था। इस कोर्स को करने के बाद इन शिक्षकों को डायट से बाकायदा विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण का प्रमाणपत्र भी मिल गया था। इन शिक्षकों को इसी आधार पर सरकारी स्कूलों में प्रशिक्षित शिक्षक के पदों पर नियुक्ति भी मिल गई थी। पर पिछले साल एनसीटीई ने इन शिक्षकों के विशिष्ट बीटीसी कोर्स को मान्यता देने से इंकार कर दिया। इसके लिए ऐसे शिक्षकों को दोबारा से कोर्स के लिए 31 मार्च 2019 तक का समय दिया था। यदि इस अवधि में इन शिक्षकों को विशिष्ट बीटीसी की मान्यता नहीं मिलती तो उनकी नौकरी पर संकट आने की आशंका थी। हालांकि राज्य सरकार की ओर से इन शिक्षकों को छूट दिए जाने और उनके द्वारा किए गए कोर्स को मान्यता देने के लिए एनसीटीई से लगातार अनुरोध किया गया।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद सिंह रावत ने इन शिक्षकों के प्रकरण पर गंभीरता दिखाते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री जावेड़कर से राहत दिलाने के लिए कार्रवाई का अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री श्री रावत ने बताया कि बुधवार को उनकी केंद्रीय मंत्री से इस संबंध में फोन पर बातचीत हुई। केंद्रीय मंत्री श्री जावेडकर ने बताया कि उत्तराखंड के विशिष्ट बीटीसी का कोर्स करने वाले शिक्षकों को मान्यता के लिए एनसीटीई के प्रस्ताव पर संसद में लाए गया बिल पास हो गया है। अब संसद के शीतकालीन सत्र में राज्य सभा में यह बिल पेश किया जाएगा। इस बिल के पारित होने की पूरी उम्मीद है।
इससे इन शिक्षकों के प्रशिक्षण को एनसीटीई की मान्यता मिल जाएगी। राज्य की शिक्षा सचिव भूपिंदर कौर औलख ने बताया कि एनसीटीई के सदस्य सचिव संजय अवस्थी से इस मामले में सरकार का पत्राचार हो रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य के प्रशिक्षित शिक्षकों के कोर्स को मान्यता के मामले में लोकसभा बिल के पास होने के बाद राज्य सभा से भी बिल पारित होने पर इन शिक्षकों के पुराने कोर्स को ही मान्यता मिल जाएगी। उधर, उत्तराखंड राज्य प्राथमिक संघ के जिलाध्यक्ष विरेंद्र सिंह कृषाली और जिला मंत्री प्रमोद सिंह रावत ने इन शिक्षकों को एनसीटीई से विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण की मान्यता दिलाने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री का आभार जताया है।