उत्तराखंड में वार्षिक स्थानांतरण सत्र को शून्य घोषित कर दिया गया
कार्मिकों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर यात्रा से संक्रमण की आशंका जताई
अधिकारी, कर्मचारी या विभाग को कठिनाई है तो प्रस्ताव को स्थानांतरण समिति के विचार के लिए कार्मिक विभाग को उपलब्ध कराया जा सकता है
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून। कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने वर्ष 2020-21 में वार्षिक स्थानांतरण सत्र को शून्य घोषित कर दिया है। इस संबंध में बुधवार को अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एक आदेश जारी किया है।
कार्मिक विभाग की ओर से जारी इस आदेश में कहा गया है कि उत्तराखंड लोक सेवकों के वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम 2017 के प्रावधान के अंतर्गत प्रत्येक वर्ष सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के स्थानांतरण किए जाने की व्यवस्था है। वर्तमान मे कोविड-19 को देखते हुए राज्य में लॉकडाउन है।
लॉकडाउन की अवधि में राज्य की आर्थिक गतिविधियां बंद होने के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। कोविड-19 महामारी घोषित है, ऐसी दशा में कार्मिकों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर यात्रा आदि किए जाने पर संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहेगी।
इसको ध्यान में रखते हुए उन सेवाओं में जिनमें स्थानांतरण अधिनियम 2017 के प्रवााधान लागू हैं, उनमें वर्तमान स्थानांतरण सत्र को शून्य घोषित किया जाता है। यदि किसी अधिकारी, कर्मचारी या विभाग को किसी प्रकार की कठिनाई है तो निराकरण के लिए प्रस्ताव को स्थानांतरण समिति के विचार के लिए कार्मिक विभाग को उपलब्ध कराया जा सकता है।
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